इसके साथ ही ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि जनमत संग्रह के बाद देखते हैं कि कौन जीतता है। केन्द्र सरकार को चुनौती देते हुए ममता ने आगे कहा कि अगर केन्द्र सरकार हारती है तो उन्हें इस्तीफा देकर जाना होगा। ममता ने कहा कि वे चुनौती देते हैं देश को फेसबुक और सांप्रदायिक दंगों का इस्तेमाल कर विभाजित करने की कोशिश न की जाए। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता तब कहां थे जब स्वतंत्रता संग्राम चल रहा था। यह शर्मनाक है कि हमारे अभिभावकों को दस्तावेज निकालने पड़ रहे हैं। पहले उन्होंने कहा कि आधार जरूरी है, अब कह रहे हैं कि यह जरूरी नहीं है। भाजपा को भले ही 32 फीसदी वोट मिले लेकिन 68 फीसदी लोगों ने भाजपा को मत नहीं दिया है।
क्यों बोलीं ममता कि डरी हुई है केन्द्र सरकार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा को पुलिस हिरासत में लिए जाने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह (केंद्र) सरकार छात्रों और एक नामचीन इतिहासकार से डर गई है। बेंगलुरु में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने पर रामचंद्र गुहा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। ममता बनर्जी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए गुहा को हिरासत में लिए जाने का विरोध किया। ममता ने लिखा, यह सरकार छात्रों से डरी हुई है। यह सरकार मीडिया से बात करने और गांधी का पोस्टर पकडऩे पर भारत के सबसे नामचीन इतिहासकारों में से एक से डर गई है। मैं रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने की निंदा करती हूं।