इस संबंध में कोलकाता पुलिस ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ या सीआइडी को सौंपने अनुरोध किया है। कोलकाता पुलिस की ओर से अदालत को बताया गया है कि उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार करने में मदद की मांग की तो वहां के एसपी भड़क उठे।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जीवित रहना चाहते हो तो जिला छोड़ कर तत्काल चले जाओ। इसलिए टीम को आरोपी को पकड़े बिना ही कोलकाता लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
इस मामले पर गुरुवार को न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ में सुनवाई हुई। कोलकाता पुलिस के अधिवक्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि आरोपी को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सीबीआइ या सीआइडी को दी जाए। हालांकि, अदालत ने उनकी याचिका पर फैसला नहीं सुनाया।
न्यायाधीश मंथा ने छत्तीसगढ़ के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) को इस मामले पर बंगाल के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) बात करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्हें एक माह के भीतर अदालत को आरोपी की गिरफ्तारी के बारे में सूचित करने को कहा। न्यायाधीश मंथा ने कहा कि अगर इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होती है तो अदालत मामला एक निष्पक्ष एजेंसी को सौंपने पर फैसला सुनाएगी।
11 मार्च को बड़तल्ला थाने में दर्ज हुआ था मामला
कोलकाता पुलिस सूत्रों के अनुसार 11 मार्च को सिद्धार्थ कोठारी नाम के शख्स के खिलाफ कोलकाता के बड़तल्ला थाने में करोड़ों रुपए की आर्थिक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।
निचली अदालत ने आरोपी को गिरफ्तार करने का निर्देश जारी किया था। कोलकाता पुलिस ने जांच के साथ आरोपित की तलाश शुरू की। पता चला कि वह छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में छुपा है। वहां जाने पर पुलिस की टीम को इस तरह की धमकी सुननी पड़ी।