नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को देश भर में पूरे वर्ष पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत इस साल 23 जनवरी को कोलकाता में आयोजित कार्यक्रमों से की गई। उनमें हिस्सा लेने आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यक्रमों में परिवर्तन कर हवाई अड्डे से सीधे नेताजी के निवास पर गए, जहां से नेताजी अंग्रेजों के आंख में धूल झोक कर भागे थे। इसके साथ ही नरेन्द्र मोदी नेताजी के जन्म दिन पर कोलकाता आने वाले
कोलकाता•Jan 28, 2021 / 10:15 am•
Manoj Singh
History maker: 23 जनवरी को कोलकाता आने वाले मोदी तीसरे पीएम
नेताजी को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे एग्लिन रोड स्थित नेताजी के आवास
कोलकाता
केन्द्र सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को इस बार देश भर में पूरे वर्ष पराक्रम दिवस के रूप में मना रही है और अब से प्रत्येक साल नेताजी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसकी शुरूआत इस साल 23 जनवरी को कोलकाता में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यक्रमों में परिवर्तन कर हवाई अड्डे से सीधे कोलकाता के एल्गिन रोड स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निवास पर गए, जहां से नेताजी अंग्रेजों के आंख में धूल झोक कर भागे थे। इतिहास में यह ग्रेट एस्केप के नाम से मशहूर है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र और नेताजी रीसर्च इंस्टीट्यूट के चेयरपर्सन प्रो. सुगतो बोस ने प्रधानमंत्री की आगवानी की थी।
इसके साथ ही नरेन्द्र मोदी नेताजी के जन्म दिन पर कोलकाता आने वाले देश के चंद प्रधानमंत्रियों में शुमार हो गए।
नेताजी के पौत्र और भाजपा नेता चंद्र कुमार बोस ने कहा कि नेताजी के जन्म दिन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कोलकाता आने से जनता में उत्साह है। मोदी देश के दूसरे नेता हैं, जिन्होंने नेताजी के जन्म दिन पर कोलकाता में आए हैं। इससे पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री 23 जनवरी को कोलकाता आए थे।
लेकिन प्रो. सुगत बसु ने नेताजी भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत कर नेताजी से संबंधित संग्रहालय दिखाया। बाद में उन्होंने कहा कि नरेनद्र मोदी नेताजी के जन्म दिन पर कोलकाता आने वाले दूसरे प्रधानमंत्री नहीं हैं। वे नेताजी के जन्मदिन पर नेताजी भवन आने वाले तीसरे प्रधान मंत्री हैं। मोदी से पहले नेताजी भवन में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के अवाला पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव वर्ष 1995 में नेताजी भवन आए थे। उस समय वे भी उपस्थित थे। नरसिंहा राव भी भी बतौर प्रधानमंत्री के रूप में नेताजी के जन्म दिन पर नेताजी भवन आए थे। उनके साथ कोई राजनीतिक नेता नहीं था। उनके साथ केन्द्रीय शिक्षामंत्री के रूप में अर्जून सिंह आए थे।