इधर, प्रधानमंत्री के दौरे से पहले राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में पोस्टरवारशुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस ने मोदी के सभा स्थल के आसपास मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पोस्टर और कटआउट पाट दिए हैं। इससे पहले जून में अमित शाह के बीरभूम दौरे के समय भी तृणमूल कांग्रेस ने यही रणनीति अपनाई थी। जवाब में भाजपा ने भी इलाके में पीएम मोदी के पोस्टर और पार्टी के झंडे लगाए हैं।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने तर्क दिया कि 21 जुलाई को कोलकाता में होने वाली शहीद सभा के प्रचार में पार्टी की ओर से मिदनापुर में ममता बनर्जी के पोस्टर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या कर रहे हैं और बंगाल में मोदी किसान रैली कर उनके हितैषी बनने का नाटक कर रहे हैं।
वहीं प्रधानमंत्री की रैली के मद्देनजर इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। माकपा और तृणमूल कांग्रेस के किसान संगठन ने पीएम मोदी को काला झंडा दिखा कर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इसके मद्देनजर सभा स्थल के आसपास सुरक्षा घेरा तैयार कर दिया गया है
। दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस पर गंदी और प्रतिहिंसा की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी की किसान रैली मिशन बंगाल फतह 2019 की दिशा में पहला कदम है। रैली में मोदी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस, राज्य सरकार और फेडरल फ्रंट के पक्षधरों पर तीखा वार कर सकते हैं।