पुलिस ने बताया कि महिला का नाम पम्पी पाल है। उसकी चार साल की घायल बेटी के नाम का पता नहीं चल पाया है। इस घटना को लेकर ट्रेन के यात्रियों ने रेलवे पर लापरवाही बरतने व घायलों को ढुढऩे में असहयोगिता का आरोप लगाया है। पुलिस ने बताया कि पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर के विधानगर से एक समूह घूमने के लिए गंगटोक गया था। शनिवार की रात को न्यूजलपाईगुड़ी से रात को आठ बजकर दस मिनट पर रवाना होने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस में बर्दवान के लिए रवाना हुए। उन्हें दुर्गापुर जाना था। ट्रेन में मानस पाल उनकी पत्नी पम्पी पाल और चार साल की बेटी सवार हुई थी। ट्रेन के रवाना होने पर मानस की पत्नी पम्पी बाथरुम जाने के लिए अपनी सीट से उठी। उसी दौरान उसके पीछे चार साल की उसकी बेटी भी चल दी। लेकिन इसकी भनक पम्मी को नहीं लगी। पिता मानस ने सोचा कि उनकी पत्नी के साथ बेटी है। वे निश्चिंत थे। पम्पी बाथरूम से लौटी तो मानस ने पूछा कि बेटी कहा है। इस पर पम्पी ने कहा कि बेटी के साथ नहीं वह तो अकेले ही गई थी। इसके बाद बेटी की तलाश शुरू हुई। पम्पी ने बाथरूम के पास के गेट को खुला देखा उसे लगा कि उसकी बेटी नीचे गिर गई है। इसके बाद जब तक ट्रेन के अन्य यात्री या उसके पति मानस कुछ समझ पाते पम्पी बेटी को खोजने के लिए चलती ट्रेन से कूद गई। आनन फानन में यात्रियों ने ट्रेन का चैन खींचकर ट्रेन रुकवाई। उक्त कोच के यात्री नीचे उतर कर उनकी तलाश शुरु किए। पहले पम्पी को घायल अवस्था में पाया गया। थोड़ी दूर पर उसकी चार साल की बेटी भी घायल अवस्था में पड़ी मिली। दोनों की यात्रियों की तत्परता के बाद उत्तरबंग मेडिकल कालेज व बाद में स्थानीय एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। जहां मां की हालत संगीन बनी है। बेटी को चोट आई है लेकिन वह खतरे से बाहर है। मानस पाल का आरोप है कि रेलवे की ओर से किसी तरह की तत्परता नहीं दिखाई गई। हालांकि रेलवे ने कहा कि रांगापानी स्टेशन के कर्मचारियों ने हर संभव सहयोग किया है।