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कोलकाता

‘महज वोटों के लिए सिद्धांतों को बेचना देश बेचने के समान’

महावीर सदन में महिला सम्मेलन—-मुनि कमलेश ने सिद्धांतहीनता, अवसरवादिता को अधर्म और पाप बताया

कोलकाताOct 29, 2018 / 10:53 pm

Shishir Sharan Rahi

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‘महज वोटों के लिए सिद्धांतों को बेचना देश बेचने के समान’

कोलकाता. महज वोटों के लिए सिद्धांतों को बेचना देश को बेचने के समान है। नारी विकास और उत्थान की दुहाई देते हुए तीन तलाक मामले में लोकसभा की कार्रवाई तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर मिली सफलता का श्रेय लेते हुए सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए सत्ता के स्वार्थी नेता केरल के अंदर आस्था की दुहाई देकर नारी अधिकारों का हनन करने पर उतारू हैं। यह दोहरा आचरण सरासर अन्याय है। राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश ने सोमवार को महावीर सदन में महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुनि ने कहा कि समय-समय पर धर्म के नाम पर सती प्रथा सहित कई प्रथाओं का अंत कर महिलाओं को जीने का अधिकार दिलाया गया था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आज 21वीं सदी में जाने की बात करने वाले, महिला जगत को वापस 18वीं सदी में ले जाने का राग अलापने वाले क्या महिलाओं के हितैषी हो सकते हैं? राष्ट्रसंत ने कहा कि सिद्धांतहीनता और अवसरवादिता अपने आप में अधर्म और पाप है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न मानना संविधान का अपमान करने के समान है। तुष्टीकरण की नीति से समस्या ज्यादा पैदा होती है। जैन संत ने कहा कि परस्पर विरोधाभास वाले कार्यों और बयानों से आज के नेता कभी भी जनता के अंदर लोकप्रिय नहीं हो सकते, क्योंकि हिंदुस्तान की जनता चाहे पढ़ी-लिखी कम हो लेकिन अनुभवी बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि नारी की गरिमा, सम्मान, अस्मिता के लिए देश के प्रति व्यक्ति को निष्ठापूर्वक काम करने का संकल्प लेना होगा तभी हम वफादार कहलाएंगे। सबरीमाला मंदिर के ऊपर सभी धर्माचार्यों को एक मत से नारी के उपासना अधिकार की वकालत करना चाहिए। राष्ट्रीय सर्व धर्म संसद से प्रस्ताव पास करा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मान्य करते हुए नारी समाज और पुरुषों को भी सभी मंदिरों में समान रूप से साधना करने का अधिकार मिले। मुनि ने ऐसा कानून केंद्र सरकार से बनाने की मांग करते हुए लोकसभा के अंदर ऐसा विधेयक पास कराने पर जोर दिया। ताकि हमेशा के लिए सभी समस्याओं का अंत हो। कौशल मुनि ने मंगलाचरण और घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए। निर्मला नाहर, सज्जन बोथरा, प्रेमलता मेहता, भंवरी बाई, सांता बारबरा ने बताया कि 3 नवंबर को इस विषय को लेकर महावीर सदन में महिला सम्मेलन का आयोजन होगा।
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