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कोलकाता

‘हथियारों से नहीं, महापुरुषों की वाणी से समस्या का समाधान’

उपाश्रय भवन का उद्घाटन समारोह—मुनि कमलेश ने धर्मस्थल को पाश्चात्य संस्कृति में रंगने पर जताई चिंता

कोलकाताNov 17, 2018 / 10:35 pm

Shishir Sharan Rahi

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‘हथियारों से नहीं, महापुरुषों की वाणी से समस्या का समाधान’

कोलकाता. हथियारों से नहीं, महापुरुषों की वाणी से ही हर समस्या का समाधान होगा। दुल्हे राजा और सन्यासी के वेश में जितना अंतर होता है उतना ही अंतर धर्मस्थल और संसारी व्यक्ति के भवन में होना चाहिए। यदि धर्मस्थल को भी भौतिकवादी के चकाचौंध और विलासिता की परिधि में लाकर खड़ा कर देंगे तो दोनों में अंतर ही क्या रहेगा? साधना स्थल महापुरुषों के त्याग, बलिदान, सेवा और परमार्थ के प्रतीक होते हैं। मुनि कमलेश ने श्रीनेमिनाथ राजेंद्र सुरी जैन ट्रस्ट निर्मित उपाश्रय भवन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुनि ने कहा कि महात्मा गांधी के वर्धा आश्रम को देख कर वहां पूछा अभी कच्चा टूटा टूटा क्यों है इसे भव्य इमारत में खड़े क्यों नहीं करते? मुनि ने कहा कि धर्मस्थल में महापुरुषों के विचारों का साक्षात्कार होना चाहिए। उनके आचरण का प्रभाव भी नजर आना चाहिए। जैन संत ने धर्मस्थल को पाश्चात्य संस्कृति में रंगने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा हम मूल स्वरूप से भटक जाएंगे तो इतिहास माफ कभी नहीं करेगा। वैभव और विलासिता के कीटाणुओं से आराधना भवन को दूर रखना समय की सबसे बड़ी चुनौती है। उपासना के साथ साथ धर्मस्थल सेवा केंद्र के रूप में विकसित हो रोजगार मूलक बनें। संस्कृति और संस्कारों की रक्षा के लिए सुरक्षा कवच बनें मानव मात्र में प्रेम और सद्भाव की गंगा बहाएं, नशामुक्त मानव जीवन का निर्माण हो तभी आने वाली पीढ़ी के लिए आस्था का केंद्र बनेंगे। धर्मस्थल के माध्यम से महापुरुषों की वाणी जन-जन के बीच पहुंचाने का प्रयास वैज्ञानिक ढंग से सबको मिलकर करना होगा। विश्व शांति की स्थापना होगी। आचार्य विनय सागर सुरिश्वर ने कहा कि सब मिलकर समन्वय और एकता के रूप में आगे बढ़ेंगे तभी महापुरुषों के सपनों को साकार रूप दे पाएंगे और अहिंसा का शंखनाद होगा। धर्मस्थल सकारात्मक ऊर्जा का भंडार होता है उसे देखने मात्र से विचारों में निर्मल भाव निर्मित होते हैं। जैन दिवाकर चौथमल महाराज की जयंती पर गुरु भक्तों ने एक लाख साठ हजार की राशि गोसेवा के लिए प्रदान की। डॉग ट्रस्ट की ओर से गौतम प्रसादी का आयोजन रखा गया। समारोह के पूर्व शांति सद्भाव पदयात्रा का आयोजन हुआ। कौशल मुनि ने मंगलाचरण, घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए। महिला मंडल ने गुरु भक्ति का गीत प्रस्तुत किया।

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