script‘धर्म और मानवता के नाम पर कलंक हैं विलासिता में डूबे गुरु’ | muni kamlesh gave speech on parushan atkolkata | Patrika News
कोलकाता

‘धर्म और मानवता के नाम पर कलंक हैं विलासिता में डूबे गुरु’

पर्युषण पर्व, महावीर सदन में राष्ट्रसंत कमल मुनि की धर्मसभा

कोलकाताSep 06, 2018 / 10:54 pm

Shishir Sharan Rahi

kolkata

‘धर्म और मानवता के नाम पर कलंक हैं विलासिता में डूबे गुरु’

कोलकाता. अधूरे डॉक्टर मिले तो तन का नुकसान होता है, लेकिन अगर अधूरे और अपरिपक्व गुरु मिल जाएं तो आत्मा का जन्म-जन्मांतर में नुकसान होता है। पाखंडी और विलासिता में डूबे व्यसनाधीन गुरु धर्म और मानवता के नाम पर कलंक हैं। वे अपनी आत्मा और परमात्मा के साथ सरासर धोखा कर रहे हैं। ऐसे तथाकथित गुरु पत्थर की नाव के समान हैं। राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने गुरुवार को पर्युषण पर्व पर महावीर सदन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए यह उद्गार व्यक्त किए। मुनि ने श्रावक-श्राविकाओं से ऐसे गुरुओं से सावधान रहने का आह्वान करते हुए कहा कि यह आज समय की सबसे बड़ी मांग है। साधुता और स्वार्थ में 36 का आंकड़ा है। ऐसे गुरु स्वयं तो डूबते हैं साथी अंधभक्तों को भी ले डूबने का पाप कमाते हैं। मुनि ने कहा कि अगर हम एक मटकी लेने जाते हैं तो फिर ठोक बजा कर लेते हैं तो फिर आत्म कल्याण और जीवन विकास के लिए गुरु का चयन भी पूरी सावधानीपूर्वक कर ही उनके चरणों में जीवन समर्पित करना चाहिए। जैन संत ने कहा कि गले तक विलासिता में डूबे हुए सादगी का संदेश ऐसे गुरु अपने शिष्यों को कहां से दे पाएंगे? उन्होंने कहा कि संत त्याग, वैराग्य, सादगी और साधना की प्रतिमूर्ति होते हैं। उनका आचरण ही जनता के लिए संदेश बन जाता है। राष्ट्रसंत ने कहा कि मान और अपमान की परवाह न करते हुए निस्वार्थ भाव से परमार्थ के लिए अप्रमाद भाव से जो समर्पित होते हैं वे ही विश्व पूजनीय बनते हैं। जैसे कपड़े धोने वाला धोबी गंदे कपड़े को साफ करता है वैसे ही संत अज्ञानी हिंसा में लिप्त बुराई में जकड़े हुए लोगों के बीच जाकर सन्मार्ग प्रदान करने का प्रयास करते हैं।
-संत की कोई जाति नहीं

उन्होंने कहा कि जिनकी निगाहों में सोना और माटी समान है वही संत महान है। संत की कोई जाति नहीं होती और जितना संत प्रतिभाशाली होगा, उतना ही समाज प्रखर बनेगा। हमारे जीवन में संत का सान्निध्य परमात्मा के सान्निध्य के समान हैं। कौशल मुनि ने मंगलाचरण कर अंतगढ़ सूत्र का वाचन किया। तपस्वी घनश्याम मुनि का गुरुवार को तीसरा उदास सह 30 उपवास रहा। महिला मंडल ने तपस्या के गीत प्रस्तुत किए। दोपहर में कल्पसूत्र का वाचन हुआ और प्रभावना वितरित की गई।

Home / Kolkata / ‘धर्म और मानवता के नाम पर कलंक हैं विलासिता में डूबे गुरु’

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो