-संत की कोई जाति नहीं उन्होंने कहा कि जिनकी निगाहों में सोना और माटी समान है वही संत महान है। संत की कोई जाति नहीं होती और जितना संत प्रतिभाशाली होगा, उतना ही समाज प्रखर बनेगा। हमारे जीवन में संत का सान्निध्य परमात्मा के सान्निध्य के समान हैं। कौशल मुनि ने मंगलाचरण कर अंतगढ़ सूत्र का वाचन किया। तपस्वी घनश्याम मुनि का गुरुवार को तीसरा उदास सह 30 उपवास रहा। महिला मंडल ने तपस्या के गीत प्रस्तुत किए। दोपहर में कल्पसूत्र का वाचन हुआ और प्रभावना वितरित की गई।