खुद को अति भाग्यवान बताते हुए अमत्र्य ने कहा कि उनका स्नेह और बंधुत्व पाने का उन्हें अवसर मिला था। देश को काफी नुकसान पहुंचा है। कृष्णा बोस जैसी महान व्यक्तित्व को दोबारा पाना मुश्किल है। भारतीय राजनीति, सामाजिक चिंतन उनके कार्यकलाप में झलकती रही। भारत व पश्चिम बंगाल की राजनीति को लेकर उनके बहुमूल्य सुझाव से हम सब लाभवान हुए हैं। उल्लेखनीय है कि बोस का शनिवार सुबह बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में निधन हो गया वह 89 वर्ष की थी। हाल ही में उन्हें पेसमेकर में हो रही समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 26 दिसंबर 1930 को ढाका में जन्मी कृष्णा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भतीजे डॉक्टर शिशिर बोस की पत्नी तथा पूर्व सांसद सुगत बोस की मां थीं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टर बोस के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
कोलकाता विश्वविद्यालय से इंग्लिश ऑनर्स और बाद में एमए की डिग्री हासिल करने के बाद डॉक्टर कृष्णा बोस कोलकाता के जाने-माने सिटी कॉलेज में करीब 40 वर्षों तक अध्यापन का काम किया। इस क्रम में वह उक्त कालेज में प्रिंसिपल का भी पद संभाला। 1998 में तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद कृष्णा यादवपुर संसदीय सीट से लगातार तीन बार लोकसभा सांसद के रूप में निर्वाचित हुई थी।