पुरूषों को कभी नहीं लांघने दें ‘लक्ष्मण रेखा’
मी टू पर बोलीं सोनल मानसिंह
पुरूषों को कभी नहीं लांघने दें ‘लक्ष्मण रेखा’
पद्म विभूषण से सम्मानित 74 वर्षीय सोनल ने बीते छह दशक के अपने करियर में किसी पुरूष को ‘‘लक्ष्मण रेखा’’ पार नहीं करने देने का दावा किया। मी टू के जरिए अपने यौवन शोषण की पुरानी कहानी बयान करने वाली महिलाओं को अपनी तरह मजबूत और सशख्त बनने और कभी भी पुरूषों को ‘लक्ष्मण रेखा’ लांघने की इजाजत नहीं देने की नसीहत दी।
कोलकाता
मशहूर शास्त्रीय नृत्यांगना और राज्यसभा सांसद सोनल मानसिंह ने शनिवार को कामकाजी महिलाओं को सतर्ककर ठण्डा पड़ता जा रहे मी टू के मुद्दे को फिर से गर्म कर दिया। पद्म विभूषण से सम्मानित 74 वर्षीय सोनल ने बीते छह दशक के अपने करियर में किसी पुरूष को ‘‘लक्ष्मण रेखा’’ पार नहीं करने देने का दावा किया। मी टू के जरिए अपने यौवन शोषण की पुरानी कहानी बयान करने वाली महिलाओं को अपनी तरह मजबूत और सशख्त बनने और कभी भी पुरूषों को ‘लक्ष्मण रेखा’ लांघने की इजाजत नहीं देने की नसीहत दी। भारत चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित परिचर्चा के दौरान देश में चल रहे मी टू अभियान का उल्लेख करते हुए सोनल मानसिंह ने कहा कि हम महिलाओं को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन महिलाओं को किसी भी पुरूष को ‘‘लक्ष्मण रेखा’’ पार नहीं करने देना चाहिए। बीते छह दशक के करियर में उन्होंने किसी को ‘‘लक्ष्मण रेखा’’ पार नहीं करने दी। यह हमारा क्षेत्र है और हमने इसकी सुरक्षा की। हमें (महिलाओं को) मजबूत होना चाहिए। भारतीय शास्त्रीय नृत्य की दो शैलियों भरतनाट्यम और ओडिसी में पारंगत इस नृत्यांगना ने नृत्यांगना ने शिक्षा के जरिए महिलाओं का अनादर करने वाले पुरूषों की सोच बदल कर उन्हें सशक्त और प्रबुद्ध बनाने और समाज के ताने-बाने को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संसद में उनसे यही अपेक्षा की जाती है कि वह महिलाओं के मुद्दों को उठाएं। लेकिन महिलाओं के मुद्दों को अर्थव्यवस्था, पर्यावरण से अलग नहीं किया जा सकता। ये परस्पर जुड़े हुये हैं। भारतीय शास्त्रीय नृत्य की दो शैलियों भरतनाट्यम और ओडिसी में पारंगत इस नृत्यांगना ने कहा कि अगर संपूर्ण विश्व में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री महिलाएं हो भी जाएं तब भी महिलाओं पर अलिखित प्रतिबंध बना रहेगा।
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