मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतपत्र से चुनाव कराने का सवाल ही नहीं उठता है। देश में होने वाले सभी चुनाव सिर्फ ईवीएम से ही होंगे। जुलाई 2017 में चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक कर सब को बता दिया कि अब से देश में चुनाव सिर्फ ईवीएम से ही होगा। इसमें गड़बड़ी किए जाने के विपक्षी दलों के आरोप निराधार हैं। जब भी कोई राजनीतिक पार्टी चुनाव हारती हैं तो ईवीएम में गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाती हैं। हमारे ख्याल से राजनीतिक पार्टियों को इस बारे में आत्मसमीक्षा करने की जरूरत है। वे एमसीसी की ओर से आयोजित परिचर्चा के दौरान सवालों के जवाब दे रहे थे।
समय पर लोकसभा चुनाव
रावत ने समय से पहले लोकसभा चुनाव होने की संभावनाओं से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग कानून के अनुसार काम करता है। आयोग समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने का फैसला नहीं करता है और केन्द्र सरकार ने आयोग को ऐसी कोई सूचना नहीं दी है। उन्होंने कहा कि मीडिया में समय से पहले चुनाव कराने की खबर आने पर आयोग ने सरकार से इस बारे में पूछा लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
पिछले दिनों
ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव समय से छह महीने पहले होने का दावा किया था।
एप्प पर भेजें शिकायत रावत ने कहा कि बंगाल में चुनाव में गड़बड़ी रोकने के लिए कर्नाटक वाला फॉर्मूला अपनाएगा। चुनाव में धन बल का इस्तेमाल कर मतदाताओं को प्रभावित करने या दूसरी गड़बडिय़ां पर रोक लगाने के लिए एक मोबाइल एप्प बनाया है। जिसमें लोग वीडियो के साथ शिकायत कर सकते है। चुनाव आयोग शिकायत करने वालों की पहचान गोपनीय रखेगा। उन्होंने कहा कि इस एप्प को कर्नाटक में प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। आयोग को वीडियो के साथ 780 शिकायतें मिली थी।
विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव पर निर्णय नहीं एक सवाल के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ करवाने की इच्छा जाहिर की थी। तब चुनाव आयोग सरकार से इस बारे में विस्तार से बातचीत की। उस दौरान आयोग ने सरकार से कहा था कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने के लिए सरकार को लॉजिस्टिक मुहैया कराने के साथ संविधान और कानून में परिवर्तन करना पड़ेगा। उसके बाद सरकार ने आयोग को कोई सूचना नहीं दी।