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कोलकाता

देशभर में ऐसा विग्रह कहीं नहीं

महानगर में एक ऐसा मंदिर भी है जिसमें हनुमान जी के पांच मुखारविंद में से मात्र तीन के ही दर्शन होते हैं। हनुमान जी का एक मुखारविंद आकाश और एक पीछे की तरफ है। सामने से आकाश और पीछे की तरफ वाले मुख के दर्शन नहीं हो पाते। यह मंदिर बंगाल ही नहीं, देशभर में विख्यात है। वैसे तो देशभर में पंचमुखी हनुमान के कई मंदिर हैं लेकिन सभी के पांचों मुखारविंद एक ही दिशा में होते हैं।

कोलकाताAug 06, 2020 / 04:17 pm

Rabindra Rai

देशभर में ऐसा विग्रह कहीं नहीं

देशभर में ऐसा विग्रह कहीं नहीं

दीनदयाल कोली
कोलकाता. महानगर में एक ऐसा मंदिर भी है जिसमें हनुमान जी के पांच मुखारविंद में से मात्र तीन के ही दर्शन होते हैं। हनुमान जी का एक मुखारविंद आकाश और एक पीछे की तरफ है। सामने से आकाश और पीछे की तरफ वाले मुख के दर्शन नहीं हो पाते। यह मंदिर बंगाल ही नहीं, देशभर में विख्यात है। वैसे तो देशभर में पंचमुखी हनुमान के कई मंदिर हैं लेकिन सभी के पांचों मुखारविंद एक ही दिशा में होते हैं। बड़ाबाजार के राजाकटरा स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर का विग्रह जाग्रत नजर आता है। महानगर में भ्रमण पर आने वाले लोग भी मंदिर में दर्शन करने आते हैं।
राजस्थान से है गहरा जुड़ाव
पंचमुखी हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी महेश शर्मा के अनुसार करीब पौने तीन सौ वर्ष पूर्व मंदिर की स्थापना हुई थी। इस मंदिर का राजस्थान से भी गहरा जुड़ाव है। राजस्थान के अलवर जिले के खेड़ा श्यामपुरा निवासी पंडित जीवनराम का परिवार पौने तीन सौ साल पूर्व यहां आकर बस गया था। उसके बाद पं.जीवनराम ने ही इस मंदिर की स्थापना की। कुछ साल उन्होंने मंदिर में सेवा पूजा भी की। आज उनकी आठवीं पीढ़ी इस मंदिर में सेवा पूजा कर रही है।
लाल पत्थर का है विग्रह
मंदिर में हनुमानजी का बड़ा विग्रह है। ऐसा दावा है कि देशभर में कहीं भी ऐसी प्रतिमा कहीं नहीं है। पांच मुख वाली हनुमानजी की यह आदमकद प्रतिमा लाल पत्थर की बनी हुई है। कहते हैं कि यह पत्थर अब कहीं नहीं मिलता।
50 हजार भक्त करते हैं दर्शन
यहां प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन करने के साथ मनोकामनाएं भी करते हैं। मंगलवार और शनिवार को तो भक्तों की संख्या 50 हजार तक पहुंच जाती है। प्रतिदिन प्रात: 5 बजे आरती के साथ मंदिर खुलता है और दोपहर में 3 घंटे के लिए बंद रहता है। अपराह्न 3 बजे मंदिर फिर खुल जाता है। रात्रि 11 बजे शयन आरती के साथ मंदिर के कपाट बंद होते हैं। मंदिर में तीन बार आरती होती है। हनुमान जयंती, अन्नकूट महोत्सव, महाशिवरात्रि, रामनवमी आदि पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं। हनुमान जयंती पर लाखों दर्शनार्थी बाबा के दर्शन के लिए आते हैं।

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