अभिजीत ने कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती या ब्याज दरों में कमी का ग्रोथ पर कोई असर नहीं होने जा रहा। सबसे सही तरीका गरीबों के हाथ में पैसा देना है। इससे अर्थव्यवस्था में दोबारा जान आएगी और यह देखने के बाद कॉर्पोरेट सेक्टर दोबारा निवेश करेगा।
अभिजीत ने कहा कि वे बहुत अधिक सैलरी के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा वे मानते हैं कि सैलरी की एक सीमा होनी चाहिए लेकिन इसे लागू करना मुश्किल। वे अधिक आमदनी पर ऊंचे टैक्स के समर्थन में हैं। असमानता दूर करने के लिए टैक्स सिस्टम इस्तेमाल जरूरी है।
अभिजीत ने बताया कि छात्रों के एक प्रदर्शन के दौरान उन्हें 10 दिन तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था। अभिजीत ने कहा कि तिहाड़ में उन्हें भिंडी खाने के लिए लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी थी। जेल नियमों के मुताबिक अगर आपने बीए किया है तो भिंडी खाने को मिलेगी अन्यथा नहीं। उन्होंने जेल में सोचा कि 10 दिन तक बिना भिंडी के रहा जा सकता है लेकिन साथ बंद अन्य लोगों ने इसके लिए लड़ाई शुरू की तो वे भी उसमें जुट गए। संघर्ष रंग लाया और उन्हें खाने के लिए तिहाड़ में भिंडी दी गई।
अभिजीत की पत्नी एस्तेय डिफ्लो ने बताया कि उनके पति उनसे ज्यादा अच्छे कुक हैं। खाना बनाने की उनकी कला से उनके मित्र उन्हें काफी पंसद करते हैं। अभिजीत हमेशा खाने के बारे में सोचते रहते हैं।