गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक परियोजना का उद्घाटन किया था, जिसके तहत 5 सरकारी अस्पतालों में 5 नए सामान्य नर्सिंग और मिडवाइफरी स्कूल काम करेंगे। इसका मकसद 21 अस्पतालों में मौजूदा नर्सिंग स्कूलों में सीटों की संख्या में वृद्धि करना है। निजी अस्पतालों का आरोप है कि हर साल बड़ी संख्या में एक दिन के नोटिस पर नर्सों की ओर से इस्तीफा दिया जाता है और वे सरकारी अस्पतालों में शामिल हो जाती हैं। वर्तमान में राज्य में नर्सिंग कॉलेजों में 1,800 नर्सिंग सीटें हैं, जो दूसरे राज्यों की तुलना में बहुत ही कम हैं। शेष स्कूल निजी अस्पतालों की ओर से चलाए जाते हैं। निजी अस्पतालों के अधिकारियों के मुताबिक सीटों की संख्या में बढ़ोतरी सही दिशा में एक कदम है, लेकिन प्रशिक्षित नर्सों की मांग पूरी होने पर अधिक सीटों का निर्माण किया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड ने 6,562 नर्सों के लिए ऑनलाइन आवेदन भी मांगा था।