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कोलकाता

ऑनलाइन गेम बन रहा बच्चों के लिए काल

 
– बच्चों में बढ़ रही है मारपीट,चिड़चिड़ापन की प्रवृत्ति
 

कोलकाताJan 23, 2019 / 11:15 pm

Rakesh Mishra

kolkata

ऑनलाइन गेम बन रहा बच्चों के लिए काल

राकेश कुमार मिश्रा
कोलकाता

ऑनलाइन गेम्स बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। कुछ समय के लिए ये गेम्स बच्चों का मनोरंजन करते हैं लेकिन दीर्घकालीन इस का गलत प्रभाव बच्चों के आचरण पर पड़ रहा है। कई ऐसे ऑनलाइन गेम्स है जिसे खेलने से बच्चों में चिड़चिड़ापन, हिंसक प्रवृति, व आत्महत्या करने जैसी बातें सामने आई हैं। साल २०१८ में वीडियो गेम ब्लू व्हेल , मोमो चैलेंस गेम्स व ग्रैनी गेम खतरनाक व जानलेवा साबित हुआ है। इस गेम्स के जाल में फंस करकई बच्चों ने अपनी जान दे दी है। स्मार्ट फोन पर ज्यादा समय व्यक्ति करने वालों बच्चों में हिंसक बनने की प्रवृति तेजी से बढ़ रही है। टेलीविजन पर टकटकी लगाए बैठे बच्चों पर अभ्रद भाषा, आलस्य व स्वास्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही बच्चों के नैतिक आचरण में भी गिरावट आती है। इसका सीधा मतलब यह है कि बच्चे जो कुछ देखते और सुनते हैं उनका स्वभाव उसी के अनुसार ढ़लता चला जाता है। उनका यही स्वभाव आगे चलकर उनके भीतर उग्रता का प्रचार करता है। पिछले साल पश्चिम बंगाल में मोमो गेम से सबसे ज्यादा मामले जलपाईगुड़ी, कुर्सेओंग और पश्चिम मिदनापुर जिले से प्रकाश में आए हैं। गेम से मिलने वाला चैलेंस को पूरा करने के लिए बच्चों को मानसिक रूप से परेशान कर देता है। बाध्य होकर बच्चा आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाता है।
क्या कहना है मनोरोग विशेषज्ञ का
मनोरोग विशेषज्ञ का कहना है कि स्माटफोन व कम्प्यूटर से दिन भर चिपके रहने वाले बच्चों में कैंसर रोग होना का खतरा होता है। ऑनलाइन गेम एक तरह का नशा है , जो बच्चों को हिस्सात्मक बना रहा है। पिछले साल ऑनलाइन गेम से जुड़ी कई घटनाएं सामने आने थी। एक आंकड़े के मुताबिक पूरी दुनिया में जितने बच्चे ऑनलाइन वीडियों गेम खेलते हैं उनमें से १५ फीसद बच्चे तुनक मिजाज के हो जाते हैं। और छोटी भी बात पर या माता-पिता के डांटने व टीचर के फटकार लगाने पर वह आत्महत्या कर लेते हैं या कोई हिसांत्मक कदम उठा लेते हैं। बर्दवान मेडिकल कॉलेज की मनोरोग विशेष शर्मीला घोष के मुताबिक भारत में ऑनलाइन वीडियो गेम का बच्चों पर बहुत बूरा असर पड़ रहा है। वीडियो गेम से बच्चों का आउटडोर गेम खेलने लगभग बंद हो गया है। जिसके वजह से बच्चों में दबाव झेलने की क्षमता क्षिण हो गई है।
बयान: बच्चों को यह बताना जरूरी है कि इंटरनेट पर वीडियो गेम उनके दिमाग व शरीर पर कितना बुरा असर डालता है। डिजीटल मीडिया के अच्छे व बूरे प्रभाव के बारे में बच्चों को बताना जरूरी हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस ऑनलाइन गेमींग के प्रति समय समय पर सतर्कता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करती है। बच्चा फोन पर क्या करता है , क्या देखता है । इस पर अभिभावकों को नजर रखनी चाहिए।
सीआईडी, वेस्टबंगाल

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