राज्य सरकार ने लगातार छठी बार छठें वेतन आयोग की समय सीमा को बढ़ाया है। इस बार इसे आगामी 7 महीनों के लिए बढ़ाया गया है। उल्लेखनीय है कि छठें वेतन आयोग की समय सीमा वृद्धि और कम डीए को लेकर पहले से ही राज्य के सरकारी कर्मचारी ममता सरकार से क्षुब्ध थे। इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। जहां 42 लोकसभा केंद्रों में से 39 लोकसभा केंद्र में सरकारी कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट में बीजेपी जीती। वहीं तृणमूल के खाते में 2 और माकपा की झोली में 1 सीट आई है।
गौरतलब है कि चुनाव से पूर्व प्रचार के दौरान ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल के सरकारी कर्मचारियों को सत्ता में आने पर 7वां वेतन आयोग चालू करने का आश्वासन दिया था। उनके आश्वासन के म²ेनजर ही राज्य के सरकारी कर्मचारियों ने भाजपा पर आस्था दिखाई है। इस दिन को-ऑर्डिनेशन क मेटी के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे देवाशीष शील ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदर्शन व्यापक रूप में होगा। सरकारी कार्यलयों के बाहर ही नहीं बल्कि हम अपनी मांगो को लेकर शहर की सडक़ों पर उतरेंगे। साथ ही वेतन आयोग के दफ्तर का भी घेराव किया जाएगा।