सूत्रों के अनुसार सोलादाना गांव में रहने वाले कमाल हुसैन के वोटर कार्ड, आधार कार्ड में त्रुटियां थी। जिसे सुधारने के लिए वह कई-कई बार सरकारी कार्यालयों के भी चक्कर लगा चुका था। एनआरसी की चर्चा के बीच वह अपनी पुश्तैनी जमीन की दलील नहीं ढूंढ पा रहा था। इससे वह हताश था। उसकी पत्नी ने बताया कि परिचय पत्र में गलती होने, जमीन की दलील न मिलने से वह परेशान था। उसे लग रहा था कि यदि राज्य में एनआरसी लागू होगा तो पूरे परिवार को ही निकाल दिया जाएगा। ऐसे में उसने एक बार पत्नी से कहा था कि पत्नी और दोनों बच्चों के साथ सामूहिक आत्महत्या कर लेंगे पर पत्नी के राजी न होने पर उसने अकेले ही आत्महत्या कर ली। रविवार की सुबह घर में ही उसका लटकता शव मिला। बसीरहाट पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दूसरी घटना दक्षिण 24 परगना के पलता के मामूदपुर में घटी। कालाचांद मिद्दा पेशे से कारखाने में श्रमिक के रूप में काम करता था। रविवार को उसका पेड़ से लटकता शव मिला। घरवालों का कहना है कि नेताओं की ओर से लगातार एनआरसी की बात सुनकर वह डरा हुआ था। वोटर कार्ड, आधार कार्ड में अपना नाम दर्ज करना चाहता था। शनिवार से ही उसका कोई पता नहीं चल पा रहा था। रविवार को उसका शव बरामद हुआ।
मालूम हो कि लगातार जिलों से ऐसी खबरे आ रही है। जिसमें स्थानीय लोगों में एनआरसी को लेकर भय का माहौल बना हुआ है। अफवाहों का बाजार भी गर्म है। कोई ठीक से समझा नहीं पा रहा है जिसके कारण लोगों में डर पैदा हो रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि बंगाल में वह कभी एनआरसी लागू होने नहीं देगी।
राज्य में एक और मौत इधर, उत्तर २४ परगना के सासन के आमिनपुर निवासी एक व्यक्ति की भी मौत भी एनआरसी के डर से होनी बताई जा रही है। मृतक का नाम आएप अली (55) है। सूत्रों के अनुसार वह गत 10 दिनों से परेशान था। उसकी जमीन की दलील नहीं मिल रही थी। इसके लिए वह परेशान था। बार-बार सरकारी ऑफिसों के चक्कर लगा रहा था। शनिवार को उसकी तबीयत बिगडऩे लगी। उसे बारासात जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। इस बारे में प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।