राजनीति आम जनता की सबसे बड़ी दुश्मन: उषा किरण
कोलकाता . प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से स्थापित साहित्य, संस्कृति को समर्पित मंच-कलम तथा ताजा टीवी के संयुक्त प्रयास से हिंदी तथा मैथिली की चर्चित कथाकार पद्मश्री उषा किरण खान , पार्क होटल के कक्ष में कोलकाता के लेखकों, पत्रकारों, छात्रों तथा कुछ चुनिंदा साहित्य प्रेमियों से मुखातिब थीं। लेखक से मिलिए कार्यक्रमके अंतर्गत उनसे मुख्य रूप से सवाल कर रहे थे वरिष्ठ पत्रकार विश्वम्भर नेवर। उन्होंने मिथिलांचल में आम जनजीवन , महिलाओं की स्थिति, गांवों के बदलते परिवेश, संविधान की आठवीं अनुसूची में भाषाओं को शामिल करना तथा उनकी रचना प्रक्रिया पर कई सवाल किए। जिसका उन्होंने बड़े ही सहज और सरल तरीके से जवाब देते हुए कहा कि जो कोई गांव के दु:ख दर्द की बात करेगा, शोषित लोगों को व्यथा को अपनी कहानी की विषय वस्तु बनाएगा तो निश्चित ही वो प्रेमचंद की परंपरा को आगे बढ़ा रहा होगा। उन्होंने कहा कि जहां गावों का परिवेश स्वच्छ और सरल था, वहीं आज की गंदी राजनीति ने वहां के माहौल को पूरी तरह प्रदूषित कर दिया है और जातिवाद की खाई को और चौड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति आम जनता की सबसे बड़ी दुश्मन है। लेखकों तथा छात्रों ने भी कई प्रश्न पूछे। मौके पर महत्वपूर्ण उपस्थित थी श्रीनिवास शर्मा, प्रेम कपूर, राज मिठौलिया, रावेल पुष्प, राज्यवर्धन, शबीना निशात उमर, सेराज ख़ान बातिश, अशोक झा, अल्पना नायक, वसुंधरा मिश्रा, शाहिद फऱोगी, उषा साव, आरती सिंह, रेखा श्रीवास्तव ,मनीष आनंद तथा अन्य। उषा किरण की सुपुत्री अनुप्रिया ने उनके हिंदी तथा मैथिली गीतों के कुछ अंश गाकर सुनाए।