scriptनेताजी को ले कर भाजपा और तृणमूल में सियासी जंंग | Political war begins between BJP and TMC over Netaji | Patrika News
कोलकाता

नेताजी को ले कर भाजपा और तृणमूल में सियासी जंंग

एक दूसरे को नेताजी के विरोधी साबित करने को दोनों अमादा

कोलकाताNov 17, 2018 / 07:00 pm

Manoj Singh

kolkata

नेताजी को ले कर भाजपा और तृणमूल में सियासी जंंग

अखण्ड भारत के पहले प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को ले कर पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई है। नेताजी को अपना नायक के रुप में प्रस्तुत कर उनके और अपने प्रति बंगाली भावनाओं और संवेदना जागृत कर भाजापा बंगाल में अपनी राजनीतिक जमीन बनाने की कवायद शुरू कर दी है। दूसरी ओर राज्य की सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस ने नेताजी को संघ परिवार के विरोधी साबित करने के लिए दस्तावेज की तलाश शुरू कर दी है।
मनोज कुमार सिंह

कोलकाता

लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल और महात्मा गांधी के वारिश होने को लेकर केन्द्र की सत्ताधारी पार्टी भाजपा और कांग्रेस में छिड़़ी सियासी जंग अभी ठण्डा भी नहीं हुई है कि अखण्ड भारत के पहले प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को ले कर पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई है। नेताजी को अपना नायक के रुप में प्रस्तुत कर उनके और अपने प्रति बंगाली भावनाओं और संवेदना जागृत कर भाजापा बंगाल में अपनी राजनीतिक जमीन बनाने की कवायद शुरू कर दी है। दूसरी ओर राज्य की सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस ने नेताजी को संघ परिवार के विरोधी साबित करने के लिए दस्तावेज की तलाश शुरू कर दी है।
आजाद हिंद सरकार की 75 वीं साल पूरे होने पर इस साल पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाला किले से राष्ट्रीय झण्डा फहरा कर इसे अखण्ड भारत की पहली सरकार स्वीकार कर आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति बंगाली भावनाओं को फिर से प्रज्ज्वलित करने की कोशिश की। इसके बाद प्रदेश भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस से बंगाल की सत्ता छीनने के लिए अपने नए नायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस को तृणमूल कांग्रेस से अपने आक्रामक अभियान का हिस्सा बना लिया है। पार्टी नेताजी को स्वतंत्रता संग्राम के एकमात्र ऐसे राष्ट्रवादी नायक के रूप में पेश कर रही है, जो आजादी के दिवाने थे और अंग्रेजी हुकुमत से बिना किसी शर्त के पूरी आजादी चाहते थे। बंगाल में अनेक लोग अब भी मानते हैं कि नेताजी को जितना सम्मान और जैसा स्थान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला और उन्हें महात्मा गांधी तथा जवाहरलाल नेहरू से उपेक्षा झेलनी पड़ी थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने पत्रिका को बताया कि बंगाल की नई पीढ़ी यह जानने के लिए उत्साहित और इच्छुक है कि नेताजी को किसने उपेक्षित रखा और उसका कारण क्या था। भाजपा जनवरी में नताजी को ले नया कुछ करेगा और उसका लोगों में प्रचार करेगी।प्रेसिडेंसी विश्व विद्यालय के पूर्व प्रोफेसर (समाजशास्त्र ) प्रशांत कुमार राय ने कहा कि बंगाल ही नहीं देश में नेताजी के चाहने वाले बहुत हैं। आजाद हिंद सरकार की यादों को ताजा कर प्रधानमंत्री और भाजपा ने इस बहस को नए सिरे से छेड़ कर पुरानी भावनाओं को सुलगा दिया है कि क्या 21 अक्तूबर, 1943 को नेताजी की आजाद सरकार की घोषणा को भारत के स्वतंत्रता दिवस की तरह नहीं मनाया जाना चाहिए।
भाजपा के इस पहल से हैरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस खुल कर सामने नहीं आ रही है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी इस मामले में चुप्पी साधी हुई हैं। लेकिन भाजपा के प्रयास को बेअसर करने के लिए तृणमूल कांग्रेस एक जवाबी रणनीति भी तैयार कर रही है। वह नेताजी के उन भाषणों के अंश संग्रह कर उसे लोगों तक पहुंचाने की तैयारी कर रही है, जिनमें नेताजी ने हिंदू महासभा की कटु आलोचना की थी। भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी तब हिंदू महासभा के अध्यक्ष हुआ करते थे। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी नेताजी के खिलाफ नहीं है। लेकिन सच्चाई तो यह है कि खुद नेताजी हिंदू संगठनों की कड़ी आलोचना करते थे। हम उनके भाषण को पोस्टर और लिफ्लेट में छाप कर प्रचार करेंगे। लेकिन प्रदेश भाजपा महासचिव देबाश्री चौधुरी ने दावा किया कि पहले नेताजी बाद में उयह स्वीकार किया कि वे गलत थे। बाद में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने ‘हिंदुत्ववादी’ नेता रास बिहारी बोस को आजाद हिंद फौज का सलाहकार बनाने का निर्णय लिया। लेकिन नेताजी को ले कर इस नए विवाद से पूर्व तृणमूल सांसद कृष्णा बोस तथा उनके तृणमूल सांसद बेटे सुगत बोस काफी नाराज हैं। कृष्णा बोस ने कहा कि प्रधानमंत्री की विवादास्पद राजनैतिक जुमलेबाजी ऐसे राष्ट्रीय आयोजनों के लिए उपयुक्त नहीं है। नेताजी ऐसे सभी राजनैतिक विवादों से परे थे भाजपा का इरादा नेताजी के बलिदान का स्मरण करने के बदले राजनैतिक फायदा हासिल करने का उद्देश्य छुपा है। लेकिन नेताजी के पौत्र और प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने कहा कि कांग्रेस, माकपा और तृणमूल ने नेताजी के आदर्शों को भूला दिया। ऐसे में भाजपा नेताजी को सम्मान दे कर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है तो इसमें खराबी क्या है।
kolkata

Home / Kolkata / नेताजी को ले कर भाजपा और तृणमूल में सियासी जंंग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो