दिवंगत लेखक दशरथ पटेल की कृतियों की प्रदर्शनी की शुरुआत
कोलकाता. लेखक और पौराणिक कथाओं के विश्लेषक देवदत्त पटनायक ने बुधवार को कहा कि पौराणिक कथाएं केवल ईश्वर तक सीमित नहीं हैं बल्कि इसमें संकल्पनाएं और विचार मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक शहर सौंदर्यबोध खो चुके हैं जो कभी देश की धरोहर हुआ करती थी। पटनायक ने दिवंगत लेखक दशरथ पटेल की कृतियों की प्रदर्शनी की शुरुआत करते हुए संवाददाताओं से कहा कि पौराणिक कथाएं केवल ईश्वर के बारे में नहीं बल्कि संकल्पनाओं और विचारों को लेकर हैं। जब आप पौराणिक कथाओं (केवल ईश्वर को लेकर) के बारे में सोचते हैं तो यह हमारी शिक्षा की समस्या है। उन्होंने कहा कि कोई मानवीय समाज पौराणिक कथाओं के बिना अस्तित्व में नहीं रह सकता, भारत में हर आदिवासी समुदाय की अपनी पौराणिक कथा है। अगर आप इसका सम्मान लोगों की सच्चाई के रूप में करते हैं तो आप खुश रहेंगे। आप पौराणिक कथाओं की जितनी प्रशंसा करेंगे, आप उतने ही ज्यादा खुश होंगे
कोलकाता. लेखक और पौराणिक कथाओं के विश्लेषक देवदत्त पटनायक ने बुधवार को कहा कि पौराणिक कथाएं केवल ईश्वर तक सीमित नहीं हैं बल्कि इसमें संकल्पनाएं और विचार मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक शहर सौंदर्यबोध खो चुके हैं जो कभी देश की धरोहर हुआ करती थी। पटनायक ने दिवंगत लेखक दशरथ पटेल की कृतियों की प्रदर्शनी की शुरुआत करते हुए संवाददाताओं से कहा कि पौराणिक कथाएं केवल ईश्वर के बारे में नहीं बल्कि संकल्पनाओं और विचारों को लेकर हैं। जब आप पौराणिक कथाओं (केवल ईश्वर को लेकर) के बारे में सोचते हैं तो यह हमारी शिक्षा की समस्या है। उन्होंने कहा कि कोई मानवीय समाज पौराणिक कथाओं के बिना अस्तित्व में नहीं रह सकता, भारत में हर आदिवासी समुदाय की अपनी पौराणिक कथा है। अगर आप इसका सम्मान लोगों की सच्चाई के रूप में करते हैं तो आप खुश रहेंगे। आप पौराणिक कथाओं की जितनी प्रशंसा करेंगे, आप उतने ही ज्यादा खुश होंगे