तृणमूल समर्थित किसान संगठन का धरना प्रदर्शन
कृषि बिल को किसान विरोधी और पूंजीपतियों के हितकारी करार दिया
तृणमूल समर्थित किसान संगठन का धरना प्रदर्शन
कोलकाता. केन्द्रीय कृषि कानून के विरोध में तृणमूल कांग्रेस समर्थित किसान संगठनों ने शुक्रवार को कोलकाता में जुलूस निकाला, विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने उक्त कानून को किसान विरोधी और पूंजीपतियों के हितकारी करार देते हुए केन्द्र सरकार से उक्त कानून वापस लेने की मांग की। कृषि कानून के विरोध में महानगर के मेओ रोड स्थित गांधी मूर्ति के पास सभी तृणमूल कांग्रेस के धरने में शामिल हो गए।
तृणमूल कांग्रेस के धरना में शामिल होने वालों में पश्चिम बंगाल किसान खेत मजदूर संघ के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक के अलावा हुगली जिले के सिंगुर के किसान भी शामिल थे। इसके अलावा राज्य के संसदीय कार्य राज्य मंत्री तापस रॉय, बेचाराम मन्ना के नेतृत्व में सिंगूर के किसानों और सिंगुर भूमि आंदोलन के नेताओं ने धरना में हिस्सा और कृषि कानून का विरोध किया।
न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग
पश्चिम बंगाल किसान खेत मज़ूर संघ ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादों की बिक्री की मांग की। तृणमूल कांग्रेस ने धरना मंच पर धान और सब्जियां सहित विभिन्न फसलों का प्रदर्शन कर कृषि कानून का विरोध किया। तृणमूल कांग्रेस के समर्थित किसान संगठनों ने चेतावनी दी कि वे किसानों के अधिकारों में पूंजीवादी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेंगे।
जारी रहेगा आंदोलन
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर तृणमूल कांग्रेस ने कृषि कानून के खिलाफ राज्य के प्रत्येक जिले के हर ब्लॉक में विरोध जुलूस निकाला। किसान संगठन ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार उद्योगपतियों के हाथों में देश को बेचने की साजिश कर रही है। जब तक इस बिल को निरस्त नहीं किया जाता है, तब तक किसानों का यह आंदोलन जारी रहेगा।
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