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कोलकाता

हाथ खींचना और शादी के लिए प्रपोज करना यौन हमला नहीं: हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि दुपट्टा, स्कार्फ, हाथ खींचना और शादी के लिए प्रपोज करना पोस्को अधिनियम के तहत यौन हमले या यौन उत्पीडऩ की परिभाषा में नहीं आता है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश विवेक चौधरी की पीठ ने अपने आदेश में यह बात कही है।

कोलकाताDec 02, 2021 / 11:08 am

Rabindra Rai

Pulling hands and proposing for marriage is not sexual assault: HC

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि दुपट्टा, स्कार्फ, हाथ खींचना और शादी के लिए प्रपोज करना पोस्को अधिनियम के तहत यौन हमले या यौन उत्पीडऩ की परिभाषा में नहीं आता है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश विवेक चौधरी की पीठ ने अपने आदेश में यह बात कही है। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडि़ता अगस्त 2017 में स्कूल से […]

हाईकोर्ट के न्यायाधीश विवेक चौधरी की पीठ ने अपने आदेश में यह बात कही है
कोलकाता. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि दुपट्टा, स्कार्फ, हाथ खींचना और शादी के लिए प्रपोज करना पोस्को अधिनियम के तहत यौन हमले या यौन उत्पीडऩ की परिभाषा में नहीं आता है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश विवेक चौधरी की पीठ ने अपने आदेश में यह बात कही है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडि़ता अगस्त 2017 में स्कूल से लौट रही थी। उस समय आरोपी ने उसका दुपट्टा खींच लिया और उसे शादी के लिए प्रपोज किया। आरोपी ने यह भी धमकी दी कि अगर उसने उसके प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया तो वह उसके शरीर पर तेजाब फेंक देगा।

ट्रायल कोर्ट ने माना था दोषी
ट्रायल कोर्ट ने आरोपी के कृत्य को यौन उत्पीडऩ के इरादे से किया गया माना था। ट्रायल जज ने आरोपी को पोस्को अधिनियम की धारा के साथ भादवि की कई धाराओं के तहत दोषी ठहराया था।

गवाही में विसंगतियां
मामला कलकत्ता हाईकोर्ट में आया। जिसके फैसले में अदालत ने माना कि पीडि़ता की गवाही में विसंगतियां हैं। प्राथमिकी में जिस अपराध का जिक्र नहीं किया गया था उसे प्राथमिकी के दस दिन बाद सीआरपीसी धारा 164 के तहत दर्ज किया गया। इसलिए आरोपी को पोस्को की धारा के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता। उसे भादवि की धाराओं के तहत दोषी ठहराया जाना ठीक है।

हाईकोर्ट ने पूछा, बाकी निकायों में चुनाव कब
– कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी
कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार से उन निकायों के चुनाव के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है जहां लंबे समय से चुनाव लंबित हैं। दोनों को सोमवार तक ऐसे निकायों में चुनाव की योजना की विस्तृत जानकारी अदालत को सौंपने का आदेश दिया है। आयोग ने 19 दिसंबर को कोलकताा नगर निगम का चुनाव कराने की घोषणा की है जबकि राज्य के 110 से अधिक निकायों में चुनाव लंबित हैं। जिनमें एक साथ चुनाव कराने की मांग पर भाजपा ने हाईकोर्ट की शरण ली है।
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