नम आंखों से मां जगद्धात्री को दी अंतिम विदाई
परम्परा: कोरोना से मुक्ति और विश्व शांति की कामना की
नम आंखों से मां जगद्धात्री को दी अंतिम विदाई
हुगली. कोरोना महामारी के साये के बीच आयोजित हुई चंदननगर की विश्व विख्यात जगद्धात्री पूजा का मंगलवार को विसर्जन हो गया। कोरोना संक्रमण की वजह से लागू नियम को मानते हुए इस वर्ष बिना शोभायात्रा निकाले जगद्धात्री प्रतिमा का विसर्जन किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ढाक की थाप और धुन पर नाचते थिरकते भक्त गंगा घाट तक पहुंचे। इसके बाद कोरोना मुक्ति व विश्व शांति मंगल कामना को लेकर नम आंखों से मां को विदाई दी गई। सबकी जुबान पर एक ही शब्द थे मां तू अगले वर्ष फिर आना।
पुरुष महिलाओं का वेश धारण कर सिंदूर, पान, सुपारी, दूध, फल-फूल इत्यादि से अंतिम विदाई से पहले मां का स्वागत करते हैं। इसके साथ ही मां से विश्व मंगल कामना, शांति समृद्धि का आशीर्वाद लेकर मां का अभिनन्दन करते हैं। इस अभिनंदन कार्यक्रम में सिर्फ पुरुष ही भाग लेते हैं। भद्रेश्वर के तेतुल तल्ला बड़ोबाड़ी की जगद्धात्री पूजा में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। आगंतुक यहां आकर आनंद उठाते हैं। कोरोना महामारी की वजह से इस बार यहां भीड़ नहीं उमड़ी।
तब से यह परम्परा
जानकारों के मुताबिक ब्रिटिश हुकूमत के वक्त अंग्रेजों की कुदृष्टि महिलाओं पर रहती थी। महिलाओं को अंग्रेजों के अत्यचार से बचाने के लिए इस परंपरा की शुरुआत हुई जो आजादी के बाद भी आज तक चली आ रही है। जगद्धात्री प्रतिमा विसर्जन के दौरान घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस के आला अधिकारी समेत पुलिस बल तैनात रहे।
Home / Kolkata / नम आंखों से मां जगद्धात्री को दी अंतिम विदाई