गंगासागर मेला क्षेत्र के विकास पर संतोष- शंकराचार्य ने गंगासागर मेला क्षेत्र के समग्र विकास के प्रति संतोष प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में सागर मेले में काफी विकास हुआ है। पहले की तुलना में पुण्यार्थियों के लिए हुई व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि पुण्यार्थियों की सेवा के प्रति अपनी जिम्मेवारी में प्रदेश की सरकार का रूख सकारात्मक रहा है। गंगासागर जाने के रास्ते पड़ने वाली मूड़ी गंगा नदी पर सेतु के निर्माण एवं इसे राष्ट्रीय मेले का दर्जा दिए जाने की दीर्घकालीन मांग पर उन्होंने कहा-‘गंगासागर मेरे ही धार्मिक शासन क्षेत्र में आता है। सरकार ने मेरी हर बात तो नहीं सुनी है लेकिन सबकी अनदेखी भी नहीं की है। मेरे सुझाव पर अमल करने पर गंगासागर का काफी विकास हुआ है लेकिन मेरा मत है कि धार्मिक केंद्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जाना चाहिए।
मेले में अशांति की आशंका बेमानी-
पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानन्द ने गंगासागर मेले के दौरान अशांति फैलाने के प्रयास होने के संदर्भ में कहा कि संवैधानिक पद पर रहे किसी व्यक्ति को कभी इस तरह की आशंका नहीं जतानी चाहिए। गंगासागर में नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के अलावा दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इनकी सुरक्षा का दायित्व सरकार की है।