तृणमूल कांग्रेस ने यह दावा हाल में करवाए गए सर्वेक्षण रिपोर्ट वार्षिक राज्य शिक्षा रिपोर्ट (एएसईआर) 2020 के हवाले से किया है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से जारी बयान के अनुसार बंगाल में बच्चों के बीच में ही स्कूल छोड़ देने की दर 3.3 फीसद से घटकर 1.5 फीसद हो गयी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा चार फीसद से बढ़कर 5.5 फीसद हो गया है।
तृणमूल कांग्रेस ने अपने बयान में सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया है कि कर्नाटक, तेलंगाना और राजस्थान जैसे कुछ बड़े राज्यों में बच्चों के बीच में ही स्कूल छोड़ देने की दर 11.3 फीसद है। यह सर्वेक्षण 26 राज्यों में 584 जिलों के 16,974 गांवों में 52,227 परिवारों के बीच किया गया।
पाठ्य पुस्तक देने में भी बंगाल नंबर वन
तृणमूल कांग्रेस ने उक्त सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए अपने बयान में कहा गया है कि सर्वेक्षण के मुताबिक बच्चों को पाठ्य पुस्तकें प्रदान करने के सिलसिले में भी पश्चिम बंगाल पहले नंबर पर है और राज्य में इसका प्रतिशत 99.7 है, जबकि उत्तर प्रदेश में 79.6 प्रतिशत, राजस्थान में 60.4 प्रतिशत, गुजरात में 95 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 34.6 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 80.8 फीसद है।
कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल और अन्य इलेक्ट्रोनिक माध्यमों से पढ़ाई-लिखाई जारी रखने की पश्चिम बंगाल की पहल भी इस रिपोर्ट में स्वीकार की गयी है । ’पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष अवीक मजूदमदार ने को बताया कि राज्य सरकार की ओर से यह सुनिश्चित करने के निरंतर प्रयास के कारण बच्चों के बीच में ही स्कूल छोड़ देने में कमी आई है। सरकार यह सुनिश्चिमत करने की कोशिश करती है कि बच्चे वित्तीय कारण से बीच में पढ़ाई न छोड़ें।