शमशाद और रियाज दोनों बांग्लादेश के रहने वाले हैं। दोनों बांग्लादेश में प्रतिबंधित अंसार बांग्ला संगठन के सक्रिय सदस्य हैं। दोनों ने अवैध ढंग से भारत में प्रवेश किया था। इनके पास पासपोर्ट/वीसा नहीं है। मंतोष पश्चिम बंगाल के उत्तर २४ परगना जिले के बसीरहाट इलाके का रहने वाला है। अब तक की जांच में पता चला है कि मंतोष असलहा तस्कर है। शमशाद और रियाज ने असलहा खरीदने के लिए उससे सम्पर्क किया था।
वह असलहा दिखाने आया था। इनके पास से ७.३२ एम.एम. की एक पिस्तौल, एक देशी कट्टा, लैपटॉप, पेन ड्राइव, अलकायदा व जिहाद से संबंधित बातें लिखी किताब, कुछ कागजात और कोलकाता के कुछ महत्वपूर्ण स्थान जैसे- ईडेन गार्डन्स, धर्मतल्ला बस स्टेण्ड वगैरह का नाम लिखे नक्शा बरामद किए गए है। सभी से पूछताछ की जा रही है। बुधवार को इन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। शमशाद के पास से तुषार विश्वास के नाम का एक फर्जी आधार कार्ड मिला है। उसकी भी जांच की जा रही है। पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि ये आधार कार्ड उसने कहां से और कैसे बनवाया। का.सं.
खुफिया एजेन्सी ने दी थी सूचना
केन्द्रीय खुफिया एजेन्सी ने इनके बारे में सूचना दी थी। दुर्गापूजा के समय पुलिस को सूचित किया गया था कि बांग्लादेश निवासी आतंककारी प्रदेश मे दाखिल हुए हैं। एसटीएफ की टीम उसी समय से इन पर नजर रख रही थी। इन्हें दबोचने के लिए दो टीमें बनाई गई थीं। कोलकाता के अलावा राज्य के अन्य शहरों में भी छापेमारी की जा रही थी। मंगलवार को सटीक सूचना पर तीनों को गिरफ्तार किया गया।
कुछ रसायन खरीदने की फिराक में थे
शमशाद और रियाज के पास से कोलकाता के कुछ दुकानों जहां रसायनों की बिक्री होती है, के मालिकों का विजिटिंग कार्ड भी मिले हैं। इससे एसटीएफ अनुमान लगा रही है कि ये असलहे के साथ-साथ कुछ रसायन भी खरीदने की फिराक में थे। दोनों के पास से रसायनों से विस्फोटक बनाने वाली पुस्तक भी बरामद की गई है।
डेढ़ साल से भारत में
डीसी एसटीएफ मुरलीधर शर्मा के अनुसार पूछताछ में शमशाद और रियाज ने बताया है कि दोनों पिछले एक-डेढ़ साल से भारत में थे। पिछले २०-२५ दिनों से कोलकाता में थे। इस दौरान ये किसी होटल अथवा गेस्टहाउस में नहीं ठहरे थे। कभी स्टेशन पर तो कभी बस स्टेण्ड पर सोते थे।
एसटीएफ योजना जानने में जुटी
एसटीएफ इनसे पूछताछ कर यह जानने का प्रयास कर रही है। ये कोलकाता में अलकायदा मॉड्यूल तैयार करने की फिराक में थे? युवाओं को संगठन से जोडऩे के लिए आए थे? अथवा कोलकाता में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना थी? इन सारी आशंकाओं को ध्यान में रखकर पूछताछ की जा रही है।