नई दिल्ली / कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विमान की कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर लैंडिंग में देर के मामले पर गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। तृणमूल सांसद सुदीप बंधोपाध्याय ने यह मामला लोकसभा में उठाया। उनका आरोप था कि ममता को लेकर आ रहे इंडिगो के विमान में फ्यूल कम था, इसके बावजूद उसे काफी वक्त तक लैंड न कराके चक्कर काटने के लिए कहा गया।
उन्हें परोक्ष रूप से इसके पीछे साजिश की आशंका जताई। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी उनका साथ दिया। कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि जब प्लेन में फ्यूल नहीं था तो एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीएस) की यह जिम्मेदारी थी कि प्लेन को जल्द लैंडिंग की इजाजत दे। खडग़े के मुताबिक, ममता की जान को खतरा था। वहीं, राज्यसभा में भी इस मामले को लेकर हंगामा हुआ।
नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि घटना वाले दिन तीन फ्लाइट्स में कम फ्यूल होने की बात कही गई है। डीजीसीए पूरे मामले की जांच कर रही है। राजू के मुताबिक, यह कहना गलत है कि इंडिगो की फ्लाइट को 30 से 40 मिनट तक चक्कर काटने के लिए कहा गया। वहीं, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने लोकसभा में कहा कि ममता और अन्य यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सरकार बेहद गंभीर है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार की शाम पटना में सभा कर कोलकाता लौट रही थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डे पर एटीएस से इजाजत नहीं मिलने के कारण विमान हवा में चक्कर काट रहा था। मुख्यमंत्री के साथ विमान में सवार शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने दावा किया कि पायलट ने यह ऐलान कर दिया था कि प्लेन पांच मिनट में लैंड कर जाएगा।
इसके बावजूद, लैंडिंग आधे घंटे के बाद हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि पायलट ने कम फ्यूल की बात कहकर एटीसी से जल्द लैंडिंग की इजाजत मांगी, लेकिन एटीसी ने फ्लाइट को होल्ड पर रखा। उन्होंने इसके पीछे ममता बनर्जी की हत्या का षडय़ंत्र की आशंका जताई थी।
लैंडिग में हुई देरी के मामले की डीजीसीए जांच कर रही है। दो-तीन दिनों के अन्दर ही रिपोर्ट मिल जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कार्यकारी निदेशक, पूर्वी क्षेत्र, एयरपोर्ट अॅथोरिटी