कोलकाता
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को बड़ी चुनौती मानते हुए पार्टी के खिलाफ शुक्रवार को चौतरफा सियासी जंग का बिगुल फूंक दिया। भाजपा को हिस्ट्री चेंजर, नेम चेंजर और नोट चेंजर करार देते हुए मुख्यमंत्री ने पार्टी की प्रस्तावित रथ यात्रा को रावण यात्रा करार दिया और जवाब में पवित्र और शान्ति रथ यात्रा निकालने की घोषणा की। उन्होंने आंध्र प्रदेश को सीबीआई के कार्यक्षेत्र से बाहर करने की सहमति वापस लेने का समर्थन भी किया।
अगले लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में पार्टी की वृहद कोर कमेटी की बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा की रथ यात्रा नहीं है, रावण यात्रा है। रावण अशुभ शक्ति का प्रतीक है। भाजपा विभाजन करने की राजनीति कर रही है। देश और नागरिकों के विकास को छोड़ कर पार्टी का एक मात्र काम राम मंदिर बनाना है, एनआरसी के जरिए साम्प्रदायिक तनाव फैलाना और मूर्ति बनाना है। भाजपा की रावण यात्रा से बंगाल की जमीन अपवित्र हो जाएगी, इसलिए अगले दिन पार्टी बीरभूम, कूचबिहार और गंगासागर से पवित्र और शान्ति यात्रा निकाल कर बंगाल की जमीन को पवित्र करेगी। भाजपा की प्रस्तावित रथयात्रा 5 दिसंबर को बीरभूम के तारापीठ, 7 दिसंबर को कूचबिहार और 9 दिसंबर को गंगासागर से निकलेगी, जो राज्य के सभी 42 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए कोलकाता में संपन्न होगी।
संस्थानों पर कब्जा कर रही भाजपा ममता कहा कि भाजपा शहरों के नाम और इतिहास बदलने में लगी है। वो हिस्ट्री चेंजर, नेम चेंजर और नोट चेंजर है, लेकिन गेम चेंजर नहीं है। देश खतरे में है और भाजपा खुद को ऐसे प्रस्तुत कर रही है जैसे उसने ही राष्ट्र का निर्माण किया है। लेकिन हम उससे पूछते हैं कि आजादी की लड़ाई के दौरान पार्टी नेता कहां थे। ममता बनर्जी ने भाजपा पर सीबीआई और आरबीआई सहित देश के सभी महत्वपूर्ण संस्थानों पर कब्जा जमाने और सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में इससे पहले ऐसा कभी भी नहीं हुआ है। उन्होंने आंध्र प्रदेश में सीबीआई को जांच करने पर रोक लगाए जाने के लिए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का समर्थन किया।