scriptआरामबाग में त्रिकोणीय मुकाबला | tringular contest at arambagh loksabha seat | Patrika News
कोलकाता

आरामबाग में त्रिकोणीय मुकाबला

रिसड़ा की 2 बहुएं चुनावी मैदान में आमने–सामने–तृणमूल कांग्रेस की अपरूपा को जीत का भरोसा—-कांग्रेस की ज्योति दास, भाजपा के तपन राय और माकपा के शक्ति मोहन मल्लिक भी चुनावी रण में

कोलकाताApr 01, 2019 / 10:38 pm

Shishir Sharan Rahi

kolkata

आरामबाग में त्रिकोणीय मुकाबला

हुगली. रिसड़ा की 2 बहुएं तृणमूल कांग्रेस की अपरूपा पोद्दार और कांग्रेस की ज्योति दास आरामबाग लोकसभा के लिए चुनावी मैदान में आमने–सामने इस बार चुनावी रण में खड़ी हैं। इनमें से अपरूपा का चेहरा काफी लोकप्रिय है, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद प्रचंड वोट से विजयी हुई थी। अफरीन अली के नाम से मशहूर अपरूपा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्धी सीपीएम के शक्तिमोहन मलिक को करीब 3.४६ लाख से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी। इस बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है, क्योंकि माकपा छोडक़र भाजपा में हाल में शामिल तपन राय को भाजपा ने अपना उम्मदीवार घोषित किया है। कांग्रेस आज भी यहां हाशिए पर है। रिसड़ा नगरपालिका के पार्षद ब्रह्मदेव रविदास की पत्नी कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति दास भी इस सीट से अपना भाग्य आजमा रही हैं। बहरहाल आरामबाग सीट पर अपरूपा की दावेदारी तय मानी जा रही है, जबकि भाजपा भी इस सीट से जीत के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बंगाल की राजनीति में तेजी से अपनी खास जगह बना रही भाजपा और मोदी लहर का इस लोकसभा चुनावों में कितना प्रभाव पड़ता है। अपरूपा अपने दम खम पर प्रचार अभियान चला रही हैं। चुनावी मैदान में उतरने के साथ एलएलबी परीक्षा भी दे रही हैं। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आरामबाग की जनता उन्हें प्रचंड मतों से विजयी बनाएगी। आरामबाग लोकसभा से शक्ति मोहन मालिक माकपा से भाग्य आजमा रहे हैं। आरामबाग लोकसभा क्षेत्र बंगाल का महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र हैष इस सीट का गठन 1967 में हुआ था। आरामबाग आरामबाग डिविजन का मुख्यालय है जो हुगली जिले में है। पिछड़े जिले के रूप में मशहूर आरामबाग को बैकवर्ड ग्रांट फंड के तहत सहायता मिलती है। यहां की 60 फीसदी आबादी कृषि कार्यों में है। 2014 में यहां तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम के बीच टक्कर थी, पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है।
— 1967 में हुआ था आरामबाग लोकसभा का गठन
आरामबाग लोकसभा का गठन 1967 में हुआ था और तब फॉरवर्ड ब्लॉक के ए. बोस सांसद चुने गए थे। उन्होंने कांग्रेस के एस. चौधरी को पराजित किया था। 1971 में सीपीएम के मनोरंजन हजारा ने यह सीट फॉरवर्ड ब्लॉक से छीनी और कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही। 1977 में बीएलडी के प्रफुल्ल चंद्र सेन को विजय मिली। 1980 में सीपीएम की वापसी हुई और बिजॉय कृष्ण मोदक ने विजय हासिल की। 1980 से 1984 और 2004 तक सीपीएम के अनिल बसु सांसद चुने जाते रहे। 2009 में सीपीएम के शक्ति मोहन ने विजय अभियान जारी रखा, पर 2014 में माकपा को शिकस्त मिली और तृणमूल कांग्रेस ने इस सीट जीती। आरामबाग अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है जो हुगली और पश्चिम मेदिनीपुर जिले में है।
— कुल आबादी 22,22,338
—कुल मतदाता-16,96,922
—92.51 फीसदी ग्रामीण, 7.49 फीसदी शहरी
आरामबाग संसदीय क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें हैं और सभी पर तृणमूल का कब्जा है। हरिपल से बेचराम माना विधायक हैं, तारकेश्वर से रक्षपाल सिंह, पुरसुराह से नुरुजामन, आरामबाग से कृष्ण चंद्र संत्रा, गोघाट से मानस मजूमदार, खानकुल से इकबाल अहमद, चंद्रकोना से छाया डोलाई वर्तमान विधायक हैं।
—अपरूपा का जीवन
2014 में सांसद चुने जाने के समय अपरूपा की आयु 33 साल थी. इनकी शादी रिसड़ा पालिका के पूर्व वाईस चेयरमैन व वर्तमान पार्षद मोहम्मद शाकिर अली से हुई थी अपरूपा इंग्लिश से एमए हैं और हैदराबाद ओपन यूनवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री ली है. यह सामाजिक कार्यों से लंबे समय से जुड़ी रही हैं संसद में इनका कामकाज देखा जाए तो संसद में इनकी हाजिरी 81 फीसदी रही है. इन्होंने कुल 67 सवाल पूछे हैं और कुल 75 डिबेट में हिस्सा लीं। इनके नाम कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल नहीं है। सांसद विकास निधि के तहत इनको 25 करोड़ मिले थे जिसमें से 23.75 करोड़ यानि 95 फीसदी राशि इन्होंने खर्च कर दी।

Home / Kolkata / आरामबाग में त्रिकोणीय मुकाबला

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो