हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ में मंगलवार को दिन भर पंचायत चुनाव को ले कर पक्ष और विपक्ष के बीच सवाल-जवाब का दौर चला। वामपंथी पार्टी पीडीएस की याचिका की सुनावाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने एडवोकेट जनरल से राज्य सरकार की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में कई सवाल पूछे। खण्डपीठ ने राज्य सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि केन्द्रीय बल के बिना 71 हजार 500 पुलिस और 50 हजार सिविक पुलिसकर्मियों के सहारे पंचायत चुनाव कैसे संभव है। एडवोकेट जनरल से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मुख्य न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को करने को कहा।
14 को मतदान मात्र प्रस्ताव-आयोग
14 को मतदान मात्र प्रस्ताव-आयोग
अब 14 मई को पंचायत चुनाव होने पर अनिश्चितता के बादल गहरा गए हैं। स्थिति को देखते हुए राज्य चुनाव आयोग ने 14 मई को पंचायत चुनाव कराने के अपने फैसले को मात्र प्रस्ताव करार दे दिया। चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि 14 मई को चुनाव कराने की घोषणा आयोग का फैसला नहीं प्रस्ताव है। अब आयोग चुनाव कराने की तारीख तभी घोषित करेगा, जब हाईकोर्ट उसे निर्देश देगा।
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ई मेल से स्वीकार किए जाएं नामांकन-हाईकोर्ट
ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ई-नामांकन पत्र को स्वीकार करने का निर्देश देकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को एक और झटका दिया। हाई कोर्ट के न्यायाधीश विश्वनाथ समादार और ए. मुखर्जी की खण्ड पीठ ने माकपा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए राज्य चुनाव आयोग को ई-नामांकन स्वीकार करने का निर्देश दिया। उक्त खण्डपीठ ने कहा कि उनका यह निर्देश 23 अप्रेल को अपराह्न 3 बजे तक ई-मेल के जरिए दाखिल किए गए सिर्फ माकपा उम्मीदवारों के नामांकन के लिए है। खण्डपीठ ने चुनाव आयोग को माकपा उम्मीदवारों के ई-नामांकन की जांच कर वैध उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित करने और उनके नाम बैलट पेपर पर छपवाने का निर्देश दिया।
ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ई-नामांकन पत्र को स्वीकार करने का निर्देश देकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को एक और झटका दिया। हाई कोर्ट के न्यायाधीश विश्वनाथ समादार और ए. मुखर्जी की खण्ड पीठ ने माकपा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए राज्य चुनाव आयोग को ई-नामांकन स्वीकार करने का निर्देश दिया। उक्त खण्डपीठ ने कहा कि उनका यह निर्देश 23 अप्रेल को अपराह्न 3 बजे तक ई-मेल के जरिए दाखिल किए गए सिर्फ माकपा उम्मीदवारों के नामांकन के लिए है। खण्डपीठ ने चुनाव आयोग को माकपा उम्मीदवारों के ई-नामांकन की जांच कर वैध उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित करने और उनके नाम बैलट पेपर पर छपवाने का निर्देश दिया।