scriptDefection Politics: तीन भाईयों में छिड़ी गारुलिया पर कब्जे की सियासी जंग | West Bengal BJP and TMC Defection Politics battle Garulian municipalit | Patrika News
कोलकाता

Defection Politics: तीन भाईयों में छिड़ी गारुलिया पर कब्जे की सियासी जंग

West Bengal के Barrakpore लोकसभा क्षेत्र में जारी की रक्तरंजित सियासी जंग की छाया में BJP और TMC के झण्डा तले सिंह कुनवे में गारुलिया नगरपालिका पर कब्जा जमाने की लड़ाई छिड़ गई है। दो राजनीतिक दलों की ओर से यह लड़ाई दो सगे भाई एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं

कोलकाताSep 16, 2019 / 11:15 pm

Manoj Singh

Defection Politics:  तीन भाईयों में छिड़ी गारुलिया पर कब्जे की सियासी जंग

Defection Politics: तीन भाईयों में छिड़ी गारुलिया पर कब्जे की सियासी जंग

गारुलिया के चार पार्षद भाजपा छोड़े, तृणमूल लाई चेयरमैन के खिलाफ अनास्था प्रस्ताव
कोलकाता

चार दलबदलु काउंसिलर के सोमवार को फिर से दल बदलने से बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र में जारी की रक्तरंजित सियासी जंग की छाया में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के झण्डा तले सिंह कुनवे में गारुलिया नगरपालिका पर कब्जा जमाने की सियासी लड़ाई छिड़ गई है। दो राजनीतिक दलों की ओर से यह लड़ाई दो सगे भाई एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं।
गारुलियां नगरपालिका की राजनीति लड़ाई में भाजपा की ओर से स्थानीय चेयरमैन और नोवापाड़ा के विधायक सुनिल सिंह हैं। वह बैरकपुर से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह के बहनोई है और तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से सुनिल सिंह के सबसे छोटे सगे भाई संजय सिंह उर्फ नन्हें सिंह है।
नन्हें सिंह गारुलिया तृणमूल युवा कांग्रेस अध्यक्ष और पार्षद हैं। उनका अर्जुन सिंह से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। उनके नेतृत्व में गारुलिया के चेयरमैन सुनिल सिंह के खिलाफ अनास्था प्रस्ताव लाया है। सबसे मजे की बात है कि इस लड़ाई में तीसरा और सबसे बड़ा भाई भान सिंह भी है। वह निर्दलीय पार्षद हैं और उन्होंने भाजपा से तृणमूल के पाले में जा कर पासा पलटा है और गारुलिया नगरपालिका पर कब्जे की लड़ाई की सुत्रपात की है।

Defection Politics: तीन भाईयों में छिड़ी गारुलिया पर कब्जे की सियासी जंग

दो महीने पहले दलबदल कर बना था भाजपा का बोर्ड
लोकसभा चुनाव से पहले 21 सीटों वाले गारुलिया नगरपालिका में तृणमूल कांग्रेस के 18, कांग्रेस के एक, कांग्रेस के एक, फारवर्ड ब्लाक के एक और एक निर्दल पार्षद था, लेकिन भाजपा के एक भी पार्षद नहीं था। लोकसभा चुनाव नतीजा आने के बाद चेयरमैन और नोवापाड़ा के विधायक सुनिल सिंह सहित तृणमूल कांग्रेस के 10 पार्षद, कांग्रेस के एक और एकलौते निर्दल पार्षद भान सिंह भाजपा में शामिल हो गए। तब तृणमूल कांग्रेस आठ पार्षदों के साथ अल्पमत में आ गई थी और जीरो से हिरो बनी भाजपा 12 पार्षदों के साथ गारुलिया नगरपालिका पर कब्जा जमा लिया।
लेकिन दो महीने बीतते ना बीतते चार पार्षद भाजपा का दामन छोड़ कर फिर से वापस तृणमूल कांग्रेस में लौट आए और अब भाजपा अल्पमत में आ गई है। तृणमूल कांग्रेस में लौटने वाले वालों में निर्दल पार्षद भान सिंह भी हैं।
बार-बार दल बदने वालों को स्वीकार नहीं करेगी जनता
नन्हें सिंह ने कहा कि कोई भी डर कर तृणमूल कांग्रेस में नहीं आया है। भाजपा में रह कर वे काम नहीं कर पा रहे थे। इस लिए वे तृणमूल में लौट आए। लेकिन सुनिल सिंह ने कहा कि छह-सात महीने बाद नगरपालिका चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बार-बार दल बदलने वालों ने अपना नुकसान किया है। गारुलिया की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी।

Home / Kolkata / Defection Politics: तीन भाईयों में छिड़ी गारुलिया पर कब्जे की सियासी जंग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो