उन्होंने कहा कि हमारा धर्म की विशेषता विश्वजनीन है। सर्वजन के लिए दरवाजा बंद करने का धर्म हिन्दू धर्म नहीं है। सभी को खुले मन से ग्रहण करना ही हिन्दू धर्म की विशेषता है। मानव में विभाजन, अलगाव पैदा करने और दंगा फैलाने की प्रवृत्ति से हमें दूर रहनी चाहिए। भारत सेवाश्रम संघ के महाराज आचार्य स्वामी प्रणवानन्द महाराज के १२५वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के मंच से ममता ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना धार्मिक ध्रुवीकरण के नाम पर समाज और देश को बांटने की तीव्र निन्दा की।