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कोलकाता

रानीगंज की कोयला खदान में आग अनियंत्रित, मीथेन की मात्रा बढ़ी, निकाले गए श्रमिक

ईस्टर्न कोलफील्ड की कुनुस्तोरिया खदान के फॉलेन कोल में तीन दिन पहले लगी आग को नियंत्रित करने के प्रयास तेज किए जाने के बावजूद अब तक आग नियंत्रित नहीं हो पाई है। दुर्घटना और जनहानि की आशंका को देखते हुए रविवार को खदान से श्रमिकों को बाहर निकाल दिया गया।

कोलकाताOct 12, 2020 / 12:21 am

Paritosh Dube

रानीगंज की कोयला खदान में आग अनियंत्रित, मीथेन की मात्रा बढ़ी, निकाले गए श्रमिक

रानीगंज की कोयला खदान में आग अनियंत्रित, मीथेन की मात्रा बढ़ी, निकाले गए श्रमिक

रानीगंज
ईस्टर्न कोलफील्ड की कुनुस्तोरिया कोलियरी में लगी आग रविवार की शाम अनियंत्रित हो गई। जिसके बाद प्रबंधन ने कार्यरत कर्मी श्रमिकों को तत्काल खान से बाहर निकाला। खदान के बाहर थोड़ी देर तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही।
सूत्रों के मुताबिक तीन दिनों से खान में कार्बन मोनोऑक्साइड और तापमान बढऩे की घटनाएं सामने आ रही थीं। जिसपर नियंत्रण के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने स्टॉपिंग वॉल तैयार की थी। इसके बावजूद रविवार को आग अनियंत्रित होने की सूचना मिलने पर प्रबंधन ने श्रमिकों को बाहर निकाल लिया।
महाप्रबंधक एसके कुंडू ने बताया कि गैस रिसाव के क्षेत्र को घेरने के लिए तीन स्टॉपिंग वाल लगाई गई। इसके बावजूद गैस रिसाव जारी है। मीथेन गैस की मात्रा बढऩे की बात सामने आई तो तो श्रमिकों को बाहर निकाल दिया गया। और खान के अंदर रेस्क्यू विभाग के कर्मी काम कर रहे हैं।

शुरुआत में प्रबंधन ने नहीं बरती गंभीरता
खान श्रमिक सुनील कुमार नोनिया व शिशिर मंडल ने बताया कि 1 सप्ताह पहले ही खान के तापमान बढऩे की जानकारी मैनेजर एजेंट आशीष मुखर्जी को दी गई थी। प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पिछले 3 दिनों से भी प्रबंधन श्रमिकों से खदान में काम कराता रहा।

आग प्रबंधन में लापरवाही का आरोप
खदान श्रमिकों का आरोप है कि स्टॉपिंग वाल बनाने के लिए प्रबंधन ठेकेदार की मदद ले रहा है। जो लापरवाही से काम कर रहा है। वहीं ठेकेदार के कर्मियों के मुताबिक 25 कर्मियों ने ही वॉल बनाई है। खदान के और श्रमिकों का सहयोग मिला होता तो अग्रिशमन की व्यवस्था और जल्दी हो जाती।

श्रमिकों का भविष्य खतरे में
श्रमिक संगठन प्रतिनिधि सोहराब अली ने बताया कि खदान से प्रत्येक दिन 500 टन कोयले का उत्पादन होता है। यहां वर्तमान में 2 हजार से अधिक श्रमिक काम करते है।ं आज उनका भविष्य अंधकार में दिख रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधन सुनियोजित तरीके से खदान को बंद करना चाह रहा है।

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