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कोलकाता

WEST BENGAL—धैर्य व मानसिक संतुलन से स्वस्थ व्यक्तित्व का निर्माण संभव

अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह , अणुव्रत समिति हावड़ा का आयोजन

कोलकाताSep 30, 2020 / 04:52 pm

Shishir Sharan Rahi

WEST BENGAL---धैर्य व मानसिक संतुलन से स्वस्थ व्यक्तित्व का निर्माण संभव

WEST BENGAL—धैर्य व मानसिक संतुलन से स्वस्थ व्यक्तित्व का निर्माण संभव

BENGAL NEWS-हावड़ा। अणुव्रत समिति हावड़ा की ओर से साउथ हावड़ा में विराजमान साध्वी स्वर्णरेखा की प्रेरणा से अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह अंतर्गत द्वितीय दिवस अणुव्रत समिति हावड़ा के जीवन विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता लाडनूं के साहित्यकार डॉ वीरेंद्र भाटी मंगल ने कहा कि धैर्य व मानसिक संतुलन से ही स्वस्थ व्यक्तित्व का निर्माण किया जा सकता है। शुभारंभ नमस्कार महामंत्र व अणुव्रत गीत के साथ तेरापंथ महिला मंडल उपाध्यक्ष (उपासिका) शांति श्रीमाल ने किया। उपासक जब्बरमल दूगड़ ने अणुव्रत अचार संहिता को रेखांकित करते हुए कहा कि अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य तुलसी व अनुशास्ता महाप्रज्ञ की इस युग को विशिष्ट देन है। अणुव्रत समिति हावड़ा के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंघी ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य वक्ता लाडनूं के साहित्यकार डॉ वीरेंद्र भाटी मंगल ने जीवन विज्ञान की व्याख्या की। कहा की जीवन विज्ञान मूल्यपरक शिक्षा की समन्वयक प्रयोग पद्धति है। उन्होंने कहा कि जीवन विज्ञान के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन का संतुलित विकास कर सकता है। शिक्षा में आचार्य महाप्रज्ञ के विशिष्ट योगदान को बताते हुए उन्होंने कहा कि महाप्रज्ञ ने जीवन विज्ञान के रूप में शिक्षा को नया आयाम दिया है। आचार्य महाप्रज्ञ ने जीवन विज्ञान के माध्यम से मूल्यों का वर्गीकरण करते हुए मूल्यपरक शिक्षा ही व्यक्ति को समाज व संस्कारों से जोड़ सकती है। विविध मूल्यों की चर्चा करते हुए भाटी ने सामाजिक मूल्यों की मीमांसा करते हुए निष्ठा व स्वावलंबन की चर्चा की। भाटी ने कहा कि आज के दौर में शिक्षा के साथ मानसिक मूल्यों का जुड़ाव अति जरूरी है। इसी प्रकार प्रामाणिकता, करुणा, सह- अस्तित्व, अनासक्ति सहित आत्मानुशासन को रेखांकित करते हुए जीवन विज्ञान को व्यक्तित्व निर्माण का विशिष्ट माध्यम बताया।मुख्य वक्ता प्रकाश सुराणा ने कहा कि जीवन विज्ञान सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास का माध्यम है। उन्होंने कहा कि अणुव्रत, जीवन विज्ञान व प्रेक्षा ध्यान की त्रिवेणी से संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में शिक्षा के साथ मूल्यों का जुड़ाव बहुत जरूरी है। सुराणा ने जीवन विज्ञान के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन के समग्र दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति में बौद्धिक विकास सामाजिक दृष्टिकोण का विकास सामुदायिक चेतना का विकास, स्वास्थ्य, संवेदनशीलता व संयम से प्रभावी व्यक्तित्व का निर्माण किया जा सकता है। तेरापंथ सभा उत्तर हावड़ा के अध्यक्ष राकेश संचेती, तेरापंथ महिला मंडल उत्तर हावड़ा उपाध्यक्ष (उपासिका) कोकिला कुंडलिया ने भी अपने विचार रखें। अणुव्रत समिति हावड़ा के कोषाध्यक्ष डालम गिरिया , सहमंत्री दीपक नखत, संगठन मंत्री सुषमा सिंघी, प्रचार प्रसार मंत्री राकेश धारीवाल, बिशनदयाल गोयल परिवार से श्री कैलाश जी गोयल, तेरापंथ महिला मंडल उत्तर हावड़ा के अध्यक्ष मंजू कोठारी, मंत्री रेणु समदरिया, संरक्षिका सुमन बैद, टीपीएफ उत्तर हावड़ा मंत्री विनीत कोठारी उपस्थित थे। संयोजन अणुव्रत समिति हावड़ा के मंत्री राजेश बोहरा ने किया।धन्यवाद ज्ञापन सहमंत्री रेखा मालू ने व्यक्त किया।

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