WEST BENGAL—-प्रेम मिलन ने कोविड-19 काल में बांटा दुख-दर्द
शारदीय नवरात्र के दौरान उत्तर कोलकाता स्थित कुम्हारटोली महिलाओं में साड़ी वितरण
WEST BENGAL—-प्रेम मिलन ने कोविड-19 काल में बांटा दुख-दर्द
BENGAL NEWS-कोलकाता। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस नोवेल कोविड-19 संक्रमण काल में कोलकाता की मुख्य सामाजिक संस्था प्रेम मिलन ने महिलाओं के बीच साड़ी वितरण के साथ ही उनका दुख-दर्द भी बांटा। प्रेम मिलन ने क्याल चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से शारदीय नवरात्र के दौरान उत्तर कोलकाता स्थित कुम्हारटोली महिलाओं में साड़ी वितरण किया। इस मौके पर प्रेम मिलन के सचिव चंद्रकांत सराफ, मूर्तिकार चायना पाल, मिंटू पाल समेत कई अतिथि उपस्थित थे। सराफ ने बताया कि समाजसेवी अजय पसारी, दामोदर मोर, बाल किशन क्याल, महेश शर्मा के आर्थिक सहयोग से कुम्हारटोली में 200 महिलाओं व कोलाघाट में 50 जरूरतमंद महिलाओं को साड़ी बांटी गई। सचिव चंद्रकांत ने कहा कि नर सेवा ही नारायण की सेवा है। प्रेम मिलन व पूजा सेवा ट्रस्ट शहर की ऐसी दो संस्थाएं हैं जो बिल्कुल अपने नाम के अनुरूप मानव सेवा में जुटी हैं। चंद्रकांत सराफ के नेतृत्व में प्रेम मिलन व बिरम प्रकाश सुल्तानिया के नेतृत्व में पूजा सेवा ट्रस्ट हर तरह और हर संभव मानव सेवा में तत्पर हैं। यह कहना है पूर्व पार्षद व कोर्डिनेटर निताई घोष का। घोष ने उक्त बातें गत दिनों उस वक्त कहीं, जब दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधि उत्तर चौबीस परगना जिले के गंगानगर में साड़ी वितरण करने पहुंचे थे। साड़ी वितरण समारोह में घोष ने कहा दोनों ही संस्थाओं के नामों पर गंभीरता से विचार किया जाए तो प्रेम, मिलन, पूजा व सेवा जैसे शब्दों का उच्चारण आता है और इन चारों सटीक अर्थ है प्रेम पूर्वक की गई सेवा से पूजा का फल मिलता है। इस मौके पर प्रेम मिलन (कोलकाता) के सचिव चंद्रकांत सराफ, समाजसेवी हरि सोनी समेत कई जानेमाने लोग उपस्थित थे। प्रेम मिलन के सचिव चंद्रकांत सराफ ने कहा कि एक मशहूर युक्ति है – जीवन के बस तीन निशान, रोटी-कपड़ा और मकान। इस कहावत से कपड़ा शब्द के महत्व को समझते हुए आज पूजा सेवा ट्रस्ट के सहयोग से यहां न केवल 250 महिलाओं की बीच साड़ी बांटी जा रही है, बल्कि उनका दुख-दर्द भी बांटा जा रहा है। आज के आयोजन को सफल बनाने में चित्तरंजन घोष, अशोक शर्मा, मनोज जायसवाल, मुकेश सिंह व आकाश सिंह ने सक्रिय भूमिका निभाई।