WEST BENGAL—हिन्दी के साथ क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व जरूरी–मित्तल
राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल की प्रांतीय बैठक में गूंजा युवा कवियों का राष्ट्रवादी स्वर
WEST BENGAL—हिन्दी के साथ क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व जरूरी–मित्तल
कोलकाता। हिन्दी पूरे राष्ट्र को जोड़ती है लेकिन हमें क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व को भी समझना होगा। राष्ट्र जागरण धर्म हमारा के मूल मंत्र को यदि पूरा करना है तो हमें हिन्दी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं को भी सम्मान देना होगा। राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने यह बात कही। राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल द्वारा युवा रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के आयोजित आभासी युवा कविसम्मेलन में युवा कवियों एवं कवयित्रियों को वे संबोधित कर रहे थे। अध्यक्षीय वक्तव्य में मित्तल ने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया। और कहा कि प्रांतीय अध्यक्ष गिरधर राय के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल इकाई सुंदर कार्य कर रही है।प्रथम सत्र में युवा कविसम्मेलन का संचालन प्रांतीय मंत्री बलवंत सिंह गौतम ने किया। पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से कक्षा 8 से थर्ड इयर तक के चयनित 12 युवा कवियों ने प्रस्तुति से मन मोहा। युवा रचनाकारों में शैली साव, मनीष कुमार झा, कौस्तुभ शर्मा, अनुराधा सिंह, रंजन मिश्र, अनु नेवटिया, प्रदीप प्रसाद, अक्षिता दास, आरती भारती, दीपा ओझा ने राष्ट्रवाद के स्वर से पूरे बंगाल में कविता का उद्घोष किया। दूसरे सत्र में कार्यकारिणी की अंतरंग बैठक हुई। जिसमें आगामी दिनों में बंगाल प्रांत में होने वाले राष्ट्रीय कवि संगम के द्वितीय अधिवेशन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया। इस सत्र का संचालन प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरिधर राय ने किया, जिसमें बंगाल संरक्षक जय गोपाल गुप्ता उपस्थित रहे। महामंत्री रामपुकार सिंह ने गत वर्ष में वास्तविक और वर्चुअल कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय मंत्री एवं प्रांतीय प्रभारी दिनेश देवघरिया ने प्रथम अधिवेशन का विवरण दिया। श्यामा सिंह,अंजली मिश्र राजीव मिश्र, रीमा पांडेय, पुष्पा मिश्रा, सुषमा राय पटेल, डॉ.अनिरुद्ध प्रसाद राय, जेपी पाण्डेय, आर के राय, सीमा सिंह, अशोक शर्मा, निहारिका सिंह आदि ने सुझाव दिए। तकनीकी संयोजन देवेश मिश्र, धन्यवाद ज्ञापन प्रांतीय उपाध्यक्ष ऋषिकेश राय ने दिया।