scriptबंगाल का महाघोटाला- बिना परीक्षा पास किए 222 को मिली नौकरी | West Bengal corruption exposed in teachers appointment | Patrika News

बंगाल का महाघोटाला- बिना परीक्षा पास किए 222 को मिली नौकरी

locationकोलकाताPublished: May 14, 2022 06:56:48 am

Submitted by:

Paritosh Dube

कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस बाग रिपोर्ट जमा की गई है। जिसमें कई हैरतअंगेज करतूतें सामने आई हैं। बिना परीक्षा पास हुए 222 लोगों को नौकरी मिलना भी इसमें शामिल है।

बंगाल का महाघोटाला- बिना परीक्षा पास किए 222 को मिली नौकरी

बंगाल का महाघोटाला- बिना परीक्षा पास किए 222 को मिली नौकरी


कोलकाता। एसएससी ग्रुप-डी की तरह ग्रुप-सी की नियुक्ति में भी बड़ी धांधली का पर्दाफाश करते हुए शुक्रवार को जस्टिस आरके बाग कमेटी ने कोलकाता हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रुप सी की ३८१ नियुक्तियां अवैध हैं। इनमें से २२२ लोग तो एसएससी की परीक्षा में पास भी नहीं हुए थे। अब 18 मई को न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार तथा आनंद कुमार मुखोपाध्याय की पीठ इस मामले में फैसला सुनाएगी।
—-
कमेटी को बताया अवैध
नियुक्तियों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी को बाग कमेटी ने अवैध बताया है। कमेटी के संयोजक शांति प्रसाद सिन्हा,सौमित्र सरकार तथा आलोक कुमार साहा को आरोपी बनाया है। बाग कमेटी ने कहा है कि ग्रुप-सी पदों पर 381 नियुक्तियां अवैध हैं। ये नियुक्तियां पैनल की मियाद 18 मई 2019 के खत्म हो जाने के बाद की गई थीं। इन में से 222 तो ऐसी नियुक्तियां हुईं है। जिनमें नौकरी पाने वालों ने एसएससी की वर्ष 2017 की परीक्षा ही पास नहीं की थी। उन्हें काउंसिलिंग में भी नहीं बुलाया गया था। फिर भी उन्हें नौकरी मिली है।
——
लिस्ट में किया गया फेरबदल
जस्टिस बाग कमेटी ने रिपोर्ट में कहा है कि शांति प्रसाद सिन्हा, सौमित्र सरकार तथा आलोक कुमार साहा ने पैनल लिस्ट में फेरबदल किया था और पैनल में शामिल सफल अभ्यर्थियों का नाम बदल दिया था। रिपोर्ट में अदालत से सिफारिश की है कि इनके खिलाफ जालसाजी तथा षडय़ंत्र के तरह प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की जाए।
——
सिन्हा कराते थे नियुक्ति की सिफारिश
रिपोर्ट में कहा गया है कि शांति प्रसाद सिन्हा इन नियुक्तियों की सिफारिश माध्यमिक शिक्षा पर्षद के चेयरमैन कल्याण मय गंगोपाध्याय से कराते थे। कल्याण मय नियुक्ति पत्र शांति प्रसाद सिन्हा को भेजते थे। इस धांधली में दोनों की सांठगांठ थी।
——–
आंचलिक कार्यायल के अधिकारियों की भी हो जांच
बाग कमेटी ने एसएससी के आंचलिक कार्यालयों के अधिकारियों के खिलाफ भी जांच शुरू कराने का सुझाव दिया है। कमेटी ने कहा है कि एक नवंबर,2019 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने नियुक्तियों पर निगरानी के लिए जो पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी वह अवैध थी।
———
मंत्री को राहत
हालांकि कमेटी ने तत्कालीन शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी पर कोई कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश नहीं की है। कमेटी ने कहा है कि शांति प्रसाद सिन्हा ने ही एसएससी कार्यालय से नियुक्ति पत्र बांटे थे। एसएससी के चेयरमैन के जाली डिजीटल हस्ताक्षर लगाए गये थे।
——-
११ अधिकारियों का नाम
बाग कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है समरजीत आचार्य- प्रोग्रामिंग अधिकारी- स्कूल सेवा आयोग, कल्याणमय गंगोपाध्याय- अध्यक्ष- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सौमित्र सरकार- अध्यक्ष, स्कूल सेवा आयोग, अशोक कुमार साहा- सचिव- स्कूल सेवा आयोग, चैताली भट्टाचार्य और राजेश लाएक- तकनीकी अधिकारी बोर्ड भ्रष्टाचार में शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक सौमित्र सरकार, अशोक कुमार साहा, कल्याणमय गंगोपाध्याय, शांति प्रसाद सिन्हा और समरजीत आचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा बाग कमेटी ने सुबीरेश भट्टाचार्य, चैताली भट्टाचार्य, शर्मिला मित्रा, महुआ विश्वास, शुभजीत चट्टोपाध्याय और शेख सिराजुद्दीन के खिलाफ विभागीय जांच की सिफारिश की है। खंडपीठ ने एसएससी भर्ती मामले में अंतरिम स्थगन आदेश को बरकरार रखा। मामले में फैसला 18 मई को सुनाया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो