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बंगाल चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी नजर आ रहे कविगुरू रवीन्द्रनाथ जैसे

locationकोलकाताPublished: Jan 24, 2021 12:24:34 am

Submitted by:

Paritosh Dube

भारतीय राजनीति के मौजूदा सबसे बड़े प्रचारक नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) का बढ़े बाल और लंबी दाड़ी वाला नया अवतार बंगाल चुनाव (West Bengal Election) से पहले बंगाल के कई मतदाताओं को उनके सबसे श्रद्धेय ऑइकन कविगुरू रविन्द्रनाथ टैगोर से मिलता जुलता नजर आ रहा है।

बंगाल चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी नजर आ रहे कविगुरू रवीन्द्रनाथ जैसे

बंगाल चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी नजर आ रहे कविगुरू रवीन्द्रनाथ जैसे

कोलकाता.
राजनीति में मतदाताओं से भावनात्मक संबंध जोडऩे की कला हर सफल राजनेता जानता है। स्थानीय संस्कृति, वेश- भूषा- पहनावे, भाषा के सहारे एक प्रांत के राजनेता दूसरे प्रदेशों में जाते हैं। वहां के मतदाताओं को अपने पाले में करने के प्रयास करते हैं। चूंकि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव सर पर हैं इसलिए चुनावी सितारे भी नए- नए रूप रंग में ताल ठोंकने के लिए तैयार हैं। भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में सबसे पहले आने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मौजूदा लुक उसी ओर इशारा कर रहा है। पगड़ी, टोपी, सनग्लास, आधी बांह का कुर्ता पहनने के शौकीन मोदी इन दिनों लंबे बाल और दाढ़ी में नजर आ रहे हैं। केशों की धवलता कविगुरू रविन्द्रनाथ टैगोर जैसी हो गई है। कंधे पर शॉल और पूरी बांह के लंबे कुर्ते में वे देखे गए हैं।
बंगाल के सबसे श्रद्धेय आइकनों में से एक कविगुरू की सांस्कृतिक परंपरा का अभी भी बांग्ला भद्र समाज का बड़ा तबका पालन करता है। रविन्द्रनाथ बांग्लाभाषियों की दैनदिन दिनचर्या से जुड़े हुए हैं। हर दूसरे घर में रविन्द्र संगीत के प्रेमी मिलेंगे। आयोजनों में उनके गीत गाए जाते हैं। चित्रकला, लेखन , बुद्धिजीवी जमात के शीर्ष में अभी रविन्द्रनाथ की अमिट छाप है। ये वो तबका है जो कुछ समय पहले तक अमूमन भाजपा से दूरी बनाए रखता था। भाजपा भी अन्य राजनीतिक दलों के प्रति बुद्धिजीवियों के झुकाव को हल्के में लेती रही। अब जब विधानसभा चुनाव सर पर हैं तो पार्टी के सबसे बड़े प्रचारक नरेन्द्र मोदी जनता से खुद को जोडऩे का कोई मौका नहीं गंवाना चाहेंगे।
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बंगाल चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी नजर आ रहे कविगुरू रवीन्द्रनाथ जैसे
टैगोर की कविताएं भी पढ़ीं
गुजरे साल की 28 दिसम्बर को गुरुदेव की ओर से स्थापति शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय के समारोह को संबोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने उनकी कई कविताओं के अंश पढ़े। उनकी प्रसिद्ध रचना ओ -रे गृहवासी खोल द्वार खोल का पाठ कर नई संभावनाओं को सामने रखकर बढऩे का आह्वान किया था।
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बंगाल चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी नजर आ रहे कविगुरू रवीन्द्रनाथ जैसे

राजनीतिक विश्रेषज्ञ और रणनीतिकार अनिल गुप्ता कहते हैं मोदी चुनाव में खुद को झोंक देते हैं। उनके प्रचार अभियान की माइक्रो प्लानिंग होती है। इसलिए उनका लुक बदला हो तो उसे चुनावी तैयारी से जुड़ाहुआ कहा जा सकता है। लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि वे वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में आते ेहैं और कोरोना काल में बहुत से लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शेव, हेयर कट नहीं करा रहे हैं।
बंगाल की राजनीति पर लंबे समय से निगाह रख रहे चुनाव विश£ेषज्ञ विश्वनाथ चक्रवर्ती कहते हैं कि बंगाल की जनता पहनावे, परिधान या लुक से प्रभावित होती नहीं दिखेगी वह कोर मुद्दों मसलन बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार पर मोदी को सुनना चाहेगी।
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