गुजरे साल की 28 दिसम्बर को गुरुदेव की ओर से स्थापति शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय के समारोह को संबोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने उनकी कई कविताओं के अंश पढ़े। उनकी प्रसिद्ध रचना ओ -रे गृहवासी खोल द्वार खोल का पाठ कर नई संभावनाओं को सामने रखकर बढऩे का आह्वान किया था।
राजनीतिक विश्रेषज्ञ और रणनीतिकार अनिल गुप्ता कहते हैं मोदी चुनाव में खुद को झोंक देते हैं। उनके प्रचार अभियान की माइक्रो प्लानिंग होती है। इसलिए उनका लुक बदला हो तो उसे चुनावी तैयारी से जुड़ाहुआ कहा जा सकता है। लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि वे वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में आते ेहैं और कोरोना काल में बहुत से लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शेव, हेयर कट नहीं करा रहे हैं।
बंगाल की राजनीति पर लंबे समय से निगाह रख रहे चुनाव विश£ेषज्ञ विश्वनाथ चक्रवर्ती कहते हैं कि बंगाल की जनता पहनावे, परिधान या लुक से प्रभावित होती नहीं दिखेगी वह कोर मुद्दों मसलन बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार पर मोदी को सुनना चाहेगी।