संवाददाताओं के पूछे जाने पर राज्यपाल ने अपने बयान को सुधारते हुए कहा कि वो ममता को औरंगजेब नहीं कह रहे हैं। वह यह कहना चाह रहे हैं कि ‘बंगाल की आयरन लेडी’ औरंगजेब की तरह काम कर रही हैं। उन्होंने समानांतर सरकार चलाने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अगर ये सच होता तो ये सब होता ही नहीं। राज्यपाल ने तृणमूल कांग्रेस सरकार की कार्यशैली पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र का माहौल खत्म होता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कलकत्ता विश्वविद्यालय में जाने पर वीसी का रूम बंद कर दिया जाता है। विधानसभा जाने पर उनके लिए निर्धारित ३ नंबर गेट को बंद कर दिया जाता है। राज्यपाल ने बताया कि जब वो शहरों के दौरे पर जाते हैं तो उन्हें वहाँ कोई नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि उनके साथ वही हो रहा है, जो औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी के साथ किया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार में पांच-छह ऐसे मंत्री हैं जो उन्हें लगातार परेशान कर रहे हैं। राज्यपाल ने आरोप लगाया कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की हालत यह है कि उन्हें सूचित किए बिना ही विश्वविद्यालयों में वीसी की नियुक्ति कर दी जा रही है।