scriptWEST BENGAL……‘म्हारी भी सुन लो अरजी बाबा….’ | WEST BENGAL NEWS | Patrika News
कोलकाता

WEST BENGAL……‘म्हारी भी सुन लो अरजी बाबा….’

राजस्थान के लोकदेवता बाबा रामदेव का दशमी महोत्सव, रामसा पीर मंडल के आयोजन में झलकी राजस्थानी संस्कृति, महाआरती

कोलकाताSep 17, 2021 / 12:03 am

Shishir Sharan Rahi

WEST BENGAL......‘म्हारी भी सुन लो अरजी बाबा....’

WEST BENGAL……‘म्हारी भी सुन लो अरजी बाबा….’

BENGAL NEWS-कोलकाता। आओ बाबा, पधारो बाबा, म्हारी भी सुन लो अरजी बाबा….भजनों के साथ राजस्थान के लोक देवता और हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा रामदेव का दशमी महोत्सव गुरुवार को महानगर में
मनाया गया। प्रवासी राजस्थानियों ने बड़ी संख्या में परिवार सहित इसमें भाग लियाजिसमें काफी संख्या में महिलाएं थीं। अभिषेक और संध्या महाआरती हुई। बड़ाबाजार के मालापाड़ा, सीआईटी पार्क, कलाकार स्ट्रीट समेत लिलुआ आदि जगहों पर पूजन हुआ। मालापाड़ा में रामदेव बाल मंडल के संस्थापक जेठमल रंगा के सान्निध्य में कार्यक्रम हुए। दर्पनारायण स्ट्रीट में रामदेव बाल मंडल के आयोजन में बाबा की सजी झांकी के दर्शनार्थ भक्त पहुंचे। आयोजन को सफल बनाने में विमल केडिया आदि सक्रिय रहे। उधर लिलुआ के पुष्करणा ब्रह्म बगीचा में पूजन हुआ। यहां कोविड प्रोटोकाल के अनुसार दशमी महोत्सव विराट रूप में नही मनाया गया। सुबह से श्रद्धालुओं का आना जारी रहा। कार्यकर्ता भक्तों को कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार ही मंदिर मे प्रवेश दे रहे थे। मंदिर के स्थापना के दिन से ही रामदेव बाबा की ज्योत प्रज्जवलित है।
—————-
हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा रामदेव
उल्लेखनीय है कि 15वीं शताब्दी के आरम्भ में भारत में लूट-खसोट, छुआछूत, हिंदू-मुस्लिम झगड़ों आदि के कारण स्थितियां बड़ी अराजक बनी हुई थीं। भैरव नामक राक्षस का आतंक था। ऐसे विकट समय में पश्चिम राजस्थान के पोकरण नगर के पास रुणिचा नामक स्थान में तंवर वंशीय राजपूत और रुणिचा के शासक अजमाल के घर भादो शुक्ल पक्ष दूज के दिन विक्रम सम्वत् 1409 को बाबा रामदेव पीर अवतरित हुए। जिन्होंने अत्याचार, वैर-द्वेष, छुआछूत का विरोध कर अछूतोद्धार का सफल आन्दोलन चलाया। हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा रामदेव ने अपने अल्प जीवन के 33 वर्षों में वह कार्य कर दिखाया जो सैकड़ों वर्षों में भी होना सम्भव नहीं था। भेद-भाव मिटाने एवं सभी वर्गों में एकता स्थापित करने की पुनीत प्रेरणा के कारण बाबा रामदेव जहां हिन्दुओं के देव हैं तो मुस्लिम भाईयों के लिए रामसा पीर। मुस्लिम भक्त बाबा को रामसा पीर कह कर पुकारते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो