वर्णाली ने ३ साल की उम्र में कराटे की शुरुआत की। वर्णाली ने चंदननगर के कराटे गुरु अमिताभ घोष के साथ कराटे का प्रशिक्षण शुरू किया। कोरोना के समय में जब स्कूल और कॉलेज बंद थे तो अधिक समय वह कराटे में देती थी। कराटे में वर्णाली की रुचि को देखते हुए कराटे शिक्षक अमिताभ घोष ने उसे कराटे का प्रशिक्षण दिया। वर्णाली पहले से ही इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, कलाम वर्ल्ड रिकॉर्ड, ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड, अमेरिका बुक ऑफ रिकॉर्ड हासिल कर चुकी है। इतनी कम उम्र में इतने सारे रिकॉर्ड हासिल करने वाली वर्णाली का कहना है कि कराटे में १० कटार जानती हूं। सभी को कराटे सीखना चाहिए। कराटे आत्मरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण कला है। उसके पिता सुजय चंद ने कहा कि उनकी बेटी में कराटे के प्रति लगाव देखकर उसे कराटे का गुर सिखाने के लिए दाखिल किया। उसने सबसे कम उम्र में यह योग्यता हासिल की है जो बहुत गर्व की बात है। आने वाले दिनों में वर्णाली और आगे बढ़ेगी।