सूत्रों के अनुसार प्रशांत किशोर 18 वीं लोकसभा में पार्टी की ओर से क्या गलत हुआ? चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में क्यों गए? इस बारे में विस्तार पूर्वक बताएंगे। साथ ही बूथ स्तर पर भाजपा के कार्यकर्ताओं से कैसे मुकाबला किया जाए, इसके लिए टिप्स बताएंगे। प्रशांत किशोर विधानसभा सीटों और मतदाताओं से संबंधित कुछ तथ्यों और आंकड़ों के साथ भाषण देंगे। पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दलित, मुस्लिम, मतुआ और आदिवासी मुद्दों पर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। विपक्ष के कमजोर बिंदुओं को बताएंगे। तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पहले यह बैठक तृणमूल भवन में प्रस्तावित थी, लेकिन मीडिया से बचने के लिए जगह बदल कर नजरुल मंच में कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस को पिछले लोकसभा चुनाव 12 सीटें कम मिली। पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 34 सीटें मिली थीं। इसबार 22 सीटें मिली हैं, जबकि भाजपा को 16 अधिक सीटें मिली। पिछले चुनाव में भाजपा को यहां मात्र 2 सीटें मिली थी। इसबार भाजपा को 18 सीटें मिली है।
बंगाल की सत्ता का सेमीफाइनल माने जाने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की जबरदस्त बढ़त से चिंतित तृणमूल कांग्रेस ने वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत के लिए प्रशांत किशोर को अपना चुनावी रणनीतिकार बनाया है। इससे पहले 19 जून को प्रशांत किशोर ने साइंस सिटी ऑडिटोरियम के पास तृणमूल कांग्रेस कार्यालय में तृणमूल के नेताओं के साथ अपनी पहली बैठक की थी। बैठक एक संवादात्मक सत्र था, जिसका अर्थ जमीनी स्तर पर स्थिति को संभालने में आने वाली समस्याओं को समझना था। 7 जून को प्रशांत किशोर के साथ ममता बनर्जी ने बैठक की थी।