West Bengal: अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती से इनकार बर्दाश्त नहीं
– अस्पताल प्रबंधनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव ने दिए संकेत- खाली बेडों का ब्यौरा स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर जारी करने का निर्णय
West Bengal: अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती से इनकार बर्दाश्त नहीं
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में कोरोना पीडि़तों के अस्पताल में भर्ती होने में हैरानी को लेकर राज्य सरकार ने कड़ा तेवर दिखाया है। राज्य के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कोरोना पीडि़तों की भर्ती सुनिश्चित करने के लिए सरकार कारगर कदम उठाने जा रही है। कोरोना पीडि़तों को भर्ती कराने के लिए अस्पतालों के चक्कर काटने नहीं पड़े, इसके लिए खाली पड़े बेडों का विस्तृत ब्यौरा स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर रोजाना जारी करने का निर्णय लिया गया। राज्य सचिवालय नवान्न में गुरुवार को कोलकाता के समस्त निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के प्रबंधनों के साथ मुख्य सचिव राजीव सिन्हा की वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान इसकी घोषणा की गई। बैठक के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में खाली पड़े बेडों की संख्या की जानकारी गुरुवार शाम के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। निजी अस्पतालों में कितने बेड खाली हैं, इसकी जानकारी शुक्रवार से उक्त वेबसाइट पर उपलब्ध की जाएगी ताकि आम नागरिक इस सूचना से अवगत रहें तथा कोरोना या अन्य कोई मरीज को भर्ती करने के लिए अस्पतालों के चक्कर काटने न पड़े। अस्पतालों के बाहर इस तरह के तथ्यों पर आधारित सूचना नोटिस बोर्ड पर उपलब्ध कराने की बात उन्होंने कही।
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50 फीसदी बेड खाली
मुख्य सचिव ने कहा कि कोलकाता के विभिन्न निजी अस्पतालों में 1000 से अधिक बेड हैं। इनमें से 50 फीसदी बेड खाली पड़े होने की बात निजी अस्पतालों ने दी है। राज्य में सरकारी और गैर सरकारी मिलाकर कुल 10,000 से अधिक कोविड बेड हैं। इनमें से 8000 बेड अभी भी खाली पड़े हैं। निजी अस्पतालों ने मुख्य सचिव की बैठक में बेडों की संख्या और बढ़ाने का भरोसा दिलाया है।
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104 सेफ होम सेंटर खुलेंगे
मुख्य सचिव ने बताया कि कम संक्रमण वाले मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में 104 सेफ होम सेंटर को खोला जा रहा है। इसी तरह निजी अस्पतालों में सैटेलाइट हेल्प फैसिलिटी की व्यवस्था की जा रही है। इससे आने वाले दिनों में कोविड अस्पतालों पर मरीजों का दबाव कम पड़ेगा। यही नहीं मरीजों को भर्ती से इनकार की घटनाएं भी कम हो जाएंगी।
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दोषी अस्पताल पर कार्रवाई
मुख्य सचिव ने निजी अस्पतालों में कोरोना चिकित्सा खर्च को समुचित करते हुए निर्दिष्ट पैकेज तैयार करने को कहा गया है। राज्य सरकार इस विषय पर नजर रख रही है। सिन्हा ने स्पष्ट किया कि आपातकालीन अस्त्रोपचार और गंभीर रोग का इलाज कोरोना जांच के लिए स्थगित रखा नहीं जा सकता। ऐसा करने पर दोषी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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