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कोलकाता

West Bengal Assembly Election 2021: तीसरी बार ममता को बंगाल की सत्ता में लाएगा कौन

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021 ) के चौथे चरण मतदान होने के पहले से ही भाजपा और तृणमूल कांग्रेस चुनाव जीतने और हराने के दावे कर रही हैं। भाजपा के उलट तृणमूल के चुनावी रणनीतिकार प्रशान्त किशोर ने बंगाल विधानसभा चुनाव में अधिक वोटों के अंतराल से ममता बनर्जी जीत होने का दावा किया है। साथ ही बंगाल में पीएम मोदी की लोकप्रियता, भाजपा के मजबूत होने और सरकार से लोगों की नाराजगी की बात स्वीकार की है। फिर प्रश्न उठता है कि ममता बनर्जी को तूसरी बार कौन जीताएगा।

कोलकाताApr 13, 2021 / 02:59 am

Manoj Singh

West Bengal Assembly Election 2021: तीसरी बार ममता को बंगाल की सत्ता में लाएगा कौन

West Bengal Assembly Election 2021: तीसरी बार ममता को बंगाल की सत्ता में लाएगा कौन

रणनीतिकार का दावा, राज्य में भाजपा मजबूत पर अधिक वोटों से जीत रही हैं ममता
कोलकाता
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021 ) के चार चरण मतदान होने के पहले से ही भाजपा और राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस चुनाव जीतने और हराने के दावे करनी शुरू कर दी हैं। भाजपा नेता तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशान्त किशोर के पत्रकारों से बातचीत का ऑडियो टेप जारी कर बंगाल में अब तक हुए 135 सीटों के चुनाव में अपनी पार्टी के बढ़त बनाए रखने का दावा कर रहे हैं। प्रशान्त किशोर ने सोमवार को बंगाल में पीएम मोदी की काफी अधिक लोकप्रियता और भाजपा के मजबूत होने और सरकार से लोगों की नाराजगी की बात स्वीकार की। साथ ही दावा किया कि बंगाल विधानसभा चुनाव में अधिक वोटों के अंतराल से ममता बनर्जी जीत रही हैं। फिर प्रश्न उठता है कि ममता बनर्जी को तूसरी बार कौन जीताएगा।

प्रशान्त किशोर ने कहा कि बंगाल के कुछ जगहों पर लोगों में राज्य सरकार से नाराजगी है। लोगों में यह गुस्सा पार्टी के स्थानीय नेता से है, जिन्हें पार्टी ने पिछले एक साल से दूर रखने की कोशिश की है। लेकिन के ममता बनर्जी के खिलाफ लोगों में असंतोष नहीं है। वे अभी भी बंगाल की सबसे लोकप्रिय नेता है।
उन्होंने कहा कि उनका फंडा कम से कम 45 प्रतिशत वोट लेना है। जो लोग बंगाल की राजनीति की समझ रखते है वो बताएंगे कि बड़ी संख्या में महिलाएं तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के पक्ष कर रही हैं। उन्होंने आठ से दस साल में किसी भी महिला को इतना लोकप्रिय नहीं देखा, जितनी ममता लोकप्रिय हैं। उनका आंकलन है कि ममता बनर्जी बड़े अंतर से जीत रही हैं।
हालांकि प्रशान्त किशोर ने स्वीकार किया कि बंगाल में भाजपा भी ताकतवर है। उन्होंने कहा कि बंगाल में भाजपा के ताकतवर होने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता। वे किसी को भी कम करके नहीं आंकते हैं। उन्हें लगता है कि किसी को अपने विरोध को कम करके नहीं आंकना चाहिए। भाजपा जैसी पार्टी को उनके जैसे साधारण लोगों की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि बंगाल चुनाव में पीएम मोदी की लोकप्रियता एक फैक्टर है। ध्रुवीकरण, दलित समाज के बड़ा वर्ग की ओर से भाजपा का समर्थन करना फैक्टर है। इसके अलावा हिन्दी भाषियों पर भाजपा की पकड़ है। यह सब बहुत बड़ा फैक्टर है। उनके अनुसार किसी भी पार्टी के लागातार दस साल सत्ता में रहने के बाद उसके खिलाफ कुछ हद तक लोगों की नाराजगी रहेगी ही। उनका काम यह समझना है कि लोगों में नाराजगी किसके खिलाफ है। क्या नाराजगी स्थानीय नेता के खिलाफ है या ममता बनर्जी के खिलाफ है। कुछ और क्षेत्रों में भी सरकार के प्रति लोगों में गुस्सा हो सकता है। इन सबके बाद भी जितने कारणों पर विचार करें तो देखा जा रहा है कि ममता बनर्जी अब भी सबसे अधिक कद्दावर नेता हैं। प्रशान्त किशोर ने दावा किया कि अधिकतर महिला मतदाता तृणमूल कांग्रेस के साथ है। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस को 45 प्रतिशत वोट हासिल करना मुश्किल नहीं है।
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