पार्टी में नहीं उठाई बात इस दिन यशवंत सिन्हा ने कहा कि वे पार्टी के भटकने का मुद्दा भाजपा के अंदर नहीं उठाया। उन्होंने पार्टी के अंदर इस मुद्दे को नहीं उठाने का कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2016 को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिल कर बातचीत करने का समय मांगा। लेकिन उन्होंने मिलने का समय नहीं दिया। उसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को कई बार पत्र लिखा। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इससे हम क्या समझे। इस लिए इस मुद्दे को पार्टी के भीतर नहीं उठाया और सार्वजनिक तौर पर पार्टी की गलत नीतियों का विरोध करना शुरू कर दिया। अब राष्ट्रीय मंच के बैनर तले आंदोलन शुरू किया है। इसमें सभी पार्टी के नेता शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मंच कोई संगठन नहीं है और न ही इसका कोई सदस्य है। यह आंदोलन है और देश के हित में सभी दलों के नेता इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
– –
– –
झूठा प्रचार किया जा रहा इस दौरान यशवंत सिन्हा ने केन्द्रीय बजट को भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों की आय दो गुना करने की बात कही गई है। भाजपा अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी यही कही थी। लेकिन चार सालों में किसानों की 1.38 प्रतिशत आय घट गया है। यह बजट नहीं चुनावी घोषणा पत्र है। भाजपा और केन्द्र सरकार को चार साल बाद किसानों की याद आई है। बजट में वही सब है जो भाजपा ने चार साल पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था। सरकार उपलब्धि की बात नहीं कर रही है,बल्कि लोगों के दिलो दिमाग में जगह बनाने के झूठा प्रचार किया जा रहा है।