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कोलकाता

Social security : दूसरों को रोजगार देने वाले युवा उद्यमियों को क्यों चाहिए सामाजिक सुरक्षा कवच

देश की केन्द्र और राज्य सरकारे समाज के आर्थिक तौर से पिछड़े लोगों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाती हैं। लेकिन अब दूसरों को रोजगार देने वाले और देश की आर्थिक विकास में योगदान करने वाले उद्यमी भी सरकार से सामाजिक सुरक्षा की क्यों मांग कर रहे हैं। क्या सरकार को उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा देना हिए।

कोलकाताJan 29, 2020 / 10:40 pm

Manoj Singh

Social security : दूसरों को रोजगार देने वाले युवा उद्यमियों  को क्यों चाहिए सामाजिक सुरक्षा कवच

Social security : युवा उद्यमी मुकेश हरभजनका

राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाई जा रही युवा उद्यमियों की वाणी श्रृंखला में उद्यमी मुकेश हरभजनका ने देश के उद्योग और आर्थिक मुद्दों पर अपनी बातें साझा की। मुकेश राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर के मूल निवासी हैं। वे लौह और इस्पात की पाइप आपूर्ति, एयर कंडीशनर सिस्टम और पावर प्लांट की राख नियंत्रित करने वाले यंत्र बनाने वाले उद्योग के युवा उद्यमी और एमएचसी कॉनवेयिंग सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं। पत्रिका के मनोज कुमार सिंह ने उनसे विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। पेश हैं उसके मुख्य अंश। युवा उद्यमियों की वाणी- 33
कोलकाता.
बैंकों के कड़े नियम और बाजार में तरलता की कमी से प्रभावित बुनियादी ढांचा उद्योग और व्यवसाय सुस्त है। इस क्षेत्र के युवा उद्यमी मुकेश चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से सुधार होने की उम्मीद जता रहे हैं। वे सरकार को उद्यमियों को सामाजिक सुरक्षा देने, उद्यमियों के प्रति लोगों की खराब अवधारणा बदलने और उन्हें सम्मान देने की सलाह दे रहे हैं।
मुकेश कहते हैं कि उद्यमी सरकार को कर देते हैं लेकिन जब उनके उद्योग-व्यवसाय बंद हो जाते हैं तो उनके लिए सरकार की कोई सामाजिक सुरक्षा स्कीम नहीं है। सरकार को उद्यमियों को सामाजिक सुरक्षा देनी चाहिए। वे कहते हैं कि हर युग में उद्योग-व्यवसाय की कुछ चुनौतियां रहती हैं। इस आर्थिक मंदी के दौर में तरलता की कमी और बैंक के कड़े नियमों की मार के साथ निजी कंपनियों के कम निवेश सबसे बड़ी चुनौती है। उद्यमी दूसरों को रोजगार देते हैं और आर्थिक विकास में योगदान करते हैं, लेकिन उन्हें सम्मान नहीं मिलता। वे निवेश करने से डर रहे हैं। उनके प्रति समाज की गलत धारणा है। सरकार भी व्यवसायियों के खिलाफ जागो ग्राहक जागो विज्ञापन दिखाती हैं लेकिन पुलिस, डॉक्टरों और राजनेताओं के खिलाफ ऐसा विज्ञापन नहीं दिखाया जाता है। सरकार और समाज को उद्यमियों के प्रति अपनी मानसिकता बदलना जरूरी है।
वे कहते हैं कि मंदी गंदगी साफ करने के लिए कड़े आर्थिक सुधार का नतीजा है, जो अस्थाई है। लम्बे समय में इससे देश के आर्थिक विकास की गति तेज होगी।
बजट से उम्मीद
बजट में व्यक्तिगत आयकर कम करने और बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए कदम उठाने की उम्मीद है। आयकर में छूट देने से लोग खर्च करेंगे और बाजार की स्थिति सुधरेगी। जीएसटी में सुधार होने की उम्मीद है। एक देश एक जीएसटी नंबर होना चाहिए।
भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता कोई देश
मुकेश कहते हैं कि सही नीति के साथ सही दिशा में प्रयास हो तो भारत के आर्थिक विकास की गति को रोके नहीं रूक सकती। इसकी सबसे बड़ी शक्ति इसकी युवा आबादी, बड़ा कार्यबल, उपभोक्ता और इसका बड़ा बाजार है। चीन, अमेरिका सहित दुनिया का कोई भी देश भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता। उन्हें यहां निवेश करना ही होगा।

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