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कोलकाता

छह इकोनॉमिक कॉरिडोर से बहेगी बंगाल में विकास की बयार

पश्चिम बंगाल में छह औद्योगिक और आर्थिक गलियारे (इंडस्ट्रीयल एंड इकनॉमिक कैरिडोर -आईईसी) को तेजी से विकसित किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा था कि आईईसी कैरिडोर से कई लाख बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।

कोलकाताFeb 26, 2024 / 05:05 pm

Krishna Das Parth

छह इकोनॉमिक कॉरिडोर से बहेगी बंगाल में विकास की बयार

छह इकोनॉमिक कॉरिडोर से बहेगी बंगाल में विकास की बयार

केडी पार्थ

कोलकाता . पश्चिम बंगाल में छह औद्योगिक और आर्थिक गलियारे (इंडस्ट्रीयल एंड इकनॉमिक कैरिडोर -आईईसी) को तेजी से विकसित किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा था कि आईईसी कैरिडोर से कई लाख बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। राज्य की आर्थिक स्थिति में भी काफी बदलाव आएगा। ये परियोजनाएं राज्य की अर्थव्यवस्था को बदल देंगी। मुख्यमंत्री ने दावा किया, ”सामाजिक सुरक्षा योजना सुनिश्चित करने के बाद, अब हम औद्योगीकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।” इसके लिए बंगाल सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक विशेष फंड पारित किया है। ऐसा माना जा रहा है कि इनके विकसित होते ही राज्य के भाग्य खुल जाएंगे। इन कैरिडोरों के नाम है—
1.दनकुनी-खडग़पुर-रघुनाथपुर;
2. कल्याणी – दानकुनी;
3.दनकुनी – ताजपुर;
4.पानागढ़ – कूचबिहार;
5. खडग़पुर – मुर्शिदाबाद और
6. वाराणसी-कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पुरुलिया गुरदी
– जोका
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इन्हें एशियाई विकास बैंक की वित्तीय और तकनीकी सहायता से विकसित किया जाएगा। इस पहल से राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश होगा। साथ ही लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
हालही में, राज्य सरकार ने निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए पश्चिम बंगाल निर्यात प्रोत्साहन नीति 2023 बनाई है। इस नीति के तहत कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इस निर्यात नीति का उद्देश्य अगले कुछ वर्षों में देश के निर्यात में राज्य की निर्यात हिस्सेदारी को दोगुना करना और राज्य को ‘भारत का वैश्विक व्यापार केंद्र’ बनाना है। सभी निर्यातकों की सुविधा के लिए एक निर्यात सुविधा पोर्टल भी लॉन्च किया गया है।
देवचा पचामी निभाएगा प्रमुख रोल

देवचा-पचामी कोयला ब्लॉक में लगभग 1,198 मिलियन मीट्रिक टन कोयला भंडार होने का संकेत मिला है और लगभग 1,400 मिलियन क्यूबिक मीटर बेसाल्ट/ब्लैक स्टोन की खोज की गई है। इस क्षेत्र में आवश्यक प्रायोगिक उत्खनन पहले ही पूरा हो चुका है। यह माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के आर्थिक विकास में देवचा पचामी प्रमुख भूमिका निभाएगा। इस कोयला ब्लॉक के शुरू होने से भी हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। एक अधिकारी का कहना है कि देउचा-पचामी के जमीन मालिकों को मुआवजा देना शुरू कर दिया गया है।
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दानकुनी निभाएगा प्रमुख भूमिका

रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो चुका है जबकि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 1506 किलोमीटर में से 1220 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और पूरे सेक्शन पर ट्रेनें चल रही हैं। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 1337 किमी है और लुधियाना, पंजाब से दनकुनी, पश्चिम बंगाल तक फैला है। ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर परियोजना 2006 में शुरू हुई थी। इस संबंध में एक सरकारी अधिकारी ने कहा, दानकुनी राज्य में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। हालांकि, बड़े पैमाने पर उद्योग स्थापित करने के लिए दनकुनी के आसपास पर्याप्त जमीन नहीं है, जिससे कनेक्ट हो सके।” जिन क्षेत्रों में समर्पित गलियारे के साथ जमीन है, वहां निवेश में मदद मिलेगी।”
नए गलियारों से विकसित होगा रघुनाथपुर

पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर और नादिया जिले के कल्याणी में कई औद्योगिक पार्क पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। अधिकारी ने कहा, इसके अलावा, राज्य सरकार के पास रघुनाथपुर में 4,000 एकड़ से अधिक जमीन है। उन्होंने दावा किया कि तीन नए गलियारे राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे।
हल्दिया पहले से ही एक कामकाजी औद्योगिक केंद्र है, इसलिए माल ढुलाई गलियारा मौजूदा उद्योगों के लिए एक वरदान के रूप में आने की उम्मीद है। राज्य को उम्मीद है कि न केवल ताजपुर बंदरगाह, बल्कि प्रस्तावित कुलपी परियोजना भी सामने आएगी। ताजपुर बंदरगाह के लिए निविदाएं पहले ही आमंत्रित की जा चुकी हैं।

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