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कोलकाता

हम बदलते हैं, तो इतिहास बदल जाते हैं…

बेबी केयर यूनिट एनआईसीयू का उद्घाटन, प्रधान वक्ता विंग कमांडर डीजे क्लेर (अवकाश प्राप्त) ने दी देशसेवा की प्रेरणा, 1971 में भारतीय सेना की ऐतिहासिक

कोलकाताFeb 03, 2018 / 10:30 pm

Shishir Sharan Rahi

kolkata
कोलकाता. हम मचलते हैं, तो तूफान बदल जाते हैं, हम बदलते हैं, तो इतिहास बदल जाते हैं। हमें रोकने की कोशिश मत करना यारों, हम चलते हैं, तो मिसाल बन जाते हैं…..। किसी शायर की ये पंक्तियां रविवार सुबह मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी में बेबी केयर यूनिट एनआईसीयू के उद्घाटन समारोह में उस समय गूंज उठी जब महावीर चक्र से सम्मानित मेजर जनरल हरदेव सिंह क्लेर के पुत्र व प्रधान वक्ता वायुसेना पदक से अलंकृत विंग कमांडर डीजे क्लेर (अवकाश प्राप्त) ने अपने संबोधन में 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारतीय सेना की ऐतिहासिक विजय गाथा का बखान करते हुए देशसेवा की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि देश तभी तरक्की करता है, जब देशसेवा के साथ-साथ समाजसेवा भी बेहतर तरीके से हो। क्लेर ने मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी के सेवा कार्यों की सराहना की। नवजात शिशुओं के नवीनीकृत, सुसज्जित स्पेशल बेबी केयर यूनिट एनआईसीयू का उद्घाटन अस्पताल परिसर में महिला-शिशु कल्याण मंत्री डॉ. शशि पांजा, विंग कमांडर डीजे क्लेर (अवकाश प्राप्त), स्क्वाड्रन लीडर राजश्री तिवारी आदि की उपस्थिति में हुआ। पांजा ने चिकित्सा क्षेत्र में मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी के कार्यकर्ताओं की सेवा भावना की सराहना की। विधायक बक्शी ने कहा कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।
पाकिस्तान के 2 टुकड़े कर नक्शे में लिख डाला बांग्लादेश का नाम
समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान वक्ता व वीरता के लिए वायुसेना मेडल से सम्मानित क्लेर ने कहा कि दशकों से उनका परिवार देशसेवा में सक्रिय रहा। अपने दिवंगत पिता और 1९७१ के जंग के हीरो महावीर चक्र से सम्मानित मेजर जनरल हरदेव सिंह क्लेर की शौर्यगाथा का बखान करते हुए क्लेर ने कहा कि उनके पिता ने पाकिस्तान के तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल नियाजी को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था। गर्व के साथ क्लेर ने कहा कि उनके पिता ने दुनिया के नक्शे पर पाकिस्तान के 2 टुकड़े कर उस समय बांग्लादेश का नाम लिख डाला। उस दौरान उन्होंने खुद भी पिता के संग बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लिया था। क्लेर ने कहा कि 1971 के जंग से ठीक 16 दिन पहले ही उनकी शादी एयर इंडिया में एयर होस्टेस की ट्रेनिंग ले रही शुची क्लेर से हुई थी। उस समय वे कलाईकुंडा में पदस्थापित थे। उनके दादाजी को भी ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश मेडल से सम्मानित किया गया था।
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