2018 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में अब भी लगभग 75 से 80 प्रतिशत महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करती हैं। इसमें महानगर और उसके आसपास के जिलों की महिलाएं भी शामिल हंै। इस संबंध में रिसर्च से पता चला कि इसमें प्रमुखता गृहणियां और आर्थिक रुप से कमजोर परिवार की महिलाएं शामिल हैं। इसका मूल कारण बाजारों में आम तौर पर मिलने वाले महंगे सेनैटरी नैपकिन हैं। बाजारों में आसानी से दवा दुकानों व अन्य स्थानों पर मिलने वाले सेनेटरी नैपकिन का मूल्य 6 से 8 रुपए रहता है। इसी वजह से ज्यादातर महिलाएं अपने स्वास्थ्य को दरकिनार कर मासिक धर्म के दौरान पुराने तौर-तरीके ही अपनाती है। ऐसे में निगम की यह पहल उन महिलाओं के लिए कल्याणकारी साबित होगी।