नक्सलियों ने नारायणपुर में कुल्हाड़ी से एम्बुलेंस चालक को मार डाला, कांकेर में आरक्षक की हत्या की जानकारी के मुताबिक यह सभी बच्चे मोहल्ला क्लास में एक साथ पढ़ते थे। यह सभी 11 से 14 साल के हैं। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में रोजाना कोरोना का जांच किया जा रहा है। इसी दौरान शुक्रवार को एक छात्र की तबीयत खराब होने पर उसी जांच करवाने के लिए हॉस्पिटल लाया गया था। छात्र की की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर इसकी सूचना हॉस्पिटल से शिक्षक को दी गई। इसके बाद शिक्षक साथ बच्चों को लेकर हॉस्पिटल जांच कराने पहुंचे। जांच में एक के बाद एक सभी 22 बच्चों में कोरोना का संक्रमण पाया गया।
राजधानी में डबल मर्डर: पूर्व वनमंत्री की बहू-पोती की हत्या, फिर हत्यारे ने शव दीवान में छुपाया इस मामले की सूचना तत्काल उच्चाधिकारियों को दी गई। सूचना पाकर शनिवार को एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी बड़ेराजपुर पहुचे और संक्रमित बच्चों को कोण्डागांव कोविड हॉस्पिटल में लाने की तैयारी कर ही रहे थे कि कुछ ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद अधिकारियों ने स्थानीय छात्रावास को ही आइसोलेशन सेंटर बनाते हुए वहीं बच्चों को शिफ्ट किया गया है। बता दें कि इसी तरह तीन माह पहले भी एक साथ 33 लोगों को एक साथ कोरोना पॉजिटिव आने की पृष्टि हुई थी। सरपंच रामसाय मरकाम ने बताया कि आइसोलेट किए गए संक्रमित मरीजों के लिए फिलहाल पंचायत की ओर से भोजन आदि की व्यवस्था की गई है।
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले सौतले पिता को बीस साल की सजा, कोर्ट ने दरिंदे को 10 दिन में भेजा जेल सीएचएमओ डॉ. टीआर कुवर ने कहा, बच्चों के साथ ही उनके परिवार के कुछ लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। जिन्हें स्थानीय स्तर पर ही आइसोलेट किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. सुभाष पांडेय ने कहा, लंबे समय के बाद एक ही जगह से बड़ी संख्या में मरीजों का मिलना,स्पष्ट करता है कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है। हमें उसके लक्षणों को हल्के में नहीं लेना है। नियमों का पालन करना है।